पासपोर्ट आवेदन से पहले पति का साइन जरूरी नहीं : हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी को पासपोर्ट के लिए आवेदन करने से पहले पति के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है। न्यायमूर्ति एन. आनंद वेंकटेश ने एक याचिका का निपटारा करते हुए यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ता...

मद्रास हाईकोर्ट ने माना कि महिला को पासपोर्ट के लिए आवेदन करने से पहले अपने पति के हस्ताक्षर लेना जरूरी नहीं। न्यायमूर्ति एन. आनंद वेंकटेश ने हाल ही में रेवती द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए यह फैसला सुनाया। उसने अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से अपने पति से हस्ताक्षर लिए बिना नया पासपोर्ट जारी करने का निर्देश देने की मांग की थी। जज ने कहा कि किसी पत्नी के लिए प्राधिकारी के समक्ष पासपोर्ट के लिए आवेदन करने से पहले अपने पति की अनुमति लेना और उसके हस्ताक्षर लेना जरूरी नहीं है। न्यायमूर्ति ने आरपीओ को याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर कार्रवाई करने और चार सप्ताह में उसके नाम पर पासपोर्ट जारी करने का निर्देश दिया।
दरअसल, महिला का उसके पति के बीच वैवाहिक विवाद था, जिसके परिणामस्वरूप उसके पति ने स्थानीय अदालत में याचिका दायर कर विवाह विच्छेद की मांग की। यह याचिका लंबित थी। यह था मामला याचिकाकर्ता ने इस साल अप्रैल में शहर के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। इस पर कार्रवाई नहीं की गई और जब याचिकाकर्ता से पूछताछ की गई तो उसे बताया गया कि उसे फॉर्म-जे में अपने पति के हस्ताक्षर प्राप्त करने होंगे और उसके बाद ही आरपीओ द्वारा आवेदन पर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद रेवती ने अदालत का रुख किया।
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