प्रदूषण की तुलना में चंद्रमा की धूल कम खतरनाक
ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी के अध्ययन में यह बताया गया है कि चंद्रमा की धूल इंसानों के लिए पृथ्वी के शहरी प्रदूषण से कम खतरनाक है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि चंद्रमा की धूल...

लॉस एंजेलिस, एजेंसी। इंसानों के लिए चंद्रमा की धूल पृथ्वी के शहरी प्रदूषण की तुलना में कहीं कम खतरनाक है। ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी के एक नए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। यह निष्कर्ष नासा के मानव चंद्र अभियानों के लिए बड़ी राहत का संकेत है। अध्ययन विज्ञान पत्रिका लाइफ साइंसिस इन स्पेस रिसर्च में प्रकाशित हुआ है। इसमें वैज्ञानिकों ने मानव फेफड़ों की कोशिकाओं पर चंद्रमा की धूल और सिडनी की व्यस्त सड़कों से एकत्रित महीन धूल कणों के प्रभाव की तुलना की। शोध से पता चला कि शहरी प्रदूषण की तुलना में चंद्रमा की धूल से कोशिकाओं को कम नुकसान होता है और यह गंभीर सूजन भी नहीं पैदा करती।
प्रमुख शोधार्थी मिकाएला बी. स्मिथ ने बताया, अपोलो मिशन के दौरान लौटते समय अंतरिक्ष यात्रियों को सांस लेने में दिक्कत हुई थी, जिससे चंद्रमा की धूल पर चिंता बढ़ी थी। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह धूल जानलेवा नहीं है। इस अध्ययन में फेफड़ों की दोनों प्रमुख कोशिकाओं (ब्रोंकियल और एल्वियोलर) का परीक्षण किया गया और पाया गया कि चंद्रमा की धूल से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस नहीं होता, जो वायु प्रदूषण में सबसे खतरनाक तत्व होता है।
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