कोलकाता में लॉ की छात्रा से दरिंदगी मामले में कॉलेज का गार्ड गिरफ्तार
--मामले में चार आरोपी गिरफ्तार --मेडिकल जांच में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि --कॉलेज परिसर में

कोलकाता, एजेंसी। कोलकाता में लॉ की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस ने कॉलेज के गार्ड को गिरफ्तार किया है। अबतक इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि हिरासत में पूछताछ के दौरान गार्ड के जवाब संतोषजनक नहीं थे। इस कारण उसे गिरफ्तार किया गया। घटना के दौरान कॉलेज में उसकी मौजूदगी सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई है। अधिकारी ने कहा कि गार्ड अपनी ड्यूटी निभाने में विफल रहा। अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उस समय वह ड्यूटी पर अकेला था या उसके साथ कोई दूसरा भी मौजूद था।
लॉ की छात्रा से 25 जून की शाम को दरिंदगी हुई थी। आरोप है कि शादी का प्रस्ताव छात्रा द्वारा ठुकराने के बाद मुख्य आरोपी ने उसके साथ गार्ड रूम में दुष्कर्म किया। इस दौरान दो छात्र दरवाजे पर पहरा देने के साथ ही मोबाइल से वीडियो बना रहे थे। पीड़िता ने आरोप लगाया कि यातना शाम 7.30 बजे शुरू हुई और 10.30 बजे के बाद तक चलती रही। मुख्य आरोपी के सोशल मीडिया प्रोफाइल पर लिखा है कि वह कॉलेज की तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद इकाई का पूर्व अध्यक्ष और टीएमसी के छात्र संगठन के दक्षिण कोलकाता विंग का संगठनात्मक सचिव है। सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध तस्वीरों में उसे राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के कई नेताओं के साथ भी दिखाया गया है। हालांकि, टीएमसी ने आरोपी के साथ किसी भी तरह के संबंध होने से इनकार किया है। साथ ही उसके लिए कड़ी सजा देने की मांग की है। गार्ड रूम सील दक्षिण कोलकाता के कस्बा इलाके में स्थित कॉलेज परिसर में शनिवार को पुलिस की कड़ी निगरानी रही। परिसर के अंदर और आसपास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं। पुलिस ने गार्ड और यूनियन रूम को सील कर दिया है। कॉल डिटेल खंगाल रही पुलिस पीड़िता ने आरोप लगाया कि तीनों ने उसके प्रेमी को जान से मारने और उसके माता-पिता के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने की धमकी दी। पुलिस अधिकारी ने कहा कि हर पहलू की जांच की जा रही है। हम तीनों आरोपियों और पीड़िता की कॉल डिटेल भी खंगाल रहे हैं। मेडिकल जांच में लॉ कॉलेज की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। एनसीडब्ल्यू ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया राहतकर ने इस घटना को गंभीर करार दिया और कहा कि इसने सार्वजनिक चेतना को झकझोर दिया है। मुख्य सचिव को लिखे पत्र में राहतकर ने निर्देश दिया कि राज्य पुलिस को एनसीडब्ल्यू सदस्य अर्चना मुजुमदार के साथ पूरा सहयोग करना चाहिए। आयोग ने पीड़िता की तत्काल और गोपनीय आंतरिक चिकित्सा जांच की भी मांग की और कहा कि आंतरिक और बाह्य दोनों चिकित्सा रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर एनसीडब्ल्यू को सौंपी जाएं।
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