अपडेट ::: जगन्नाथ रथयात्रा : भगवान बालभद्र का रथ फंसने से गुंडिचा मंदिर नहीं पहुंच सके रथे
ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव की शुरुआत हो गई है। श्रद्धालुओं को भगवान के रथ खींचने का एक और मौका मिलेगा। बालभद्र के रथ में आई दिक्कत के कारण रथ गुंडिचा मंदिर नहीं पहुंच सके। यात्रा में...

(नोट ::: जगन्नाथ रथयात्रा की पूर्व में ‘रथयात्रा महोत्सव : जय जगन्नाथ के उद्घोष के साथ जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव शुरू हेडिंग से जारी कॉपी को कृपया रद्द कर दें और उसके स्थान पर इस अपडेटेड कॉपी का प्रयोग करें) --------------------------------------------------------------------------------------- -श्रद्धालुओं को आज रथ खींचने का एक और मौका मिलेगा -देश-विदेश से उमड़ा आस्था का जन सैलाब -परंपरागत जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव शुरू पुरी, एजेंसी ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर से शुक्रवार को रथयात्रा महोत्सव की शुरुआत हो गई। हालांकि गुंडिचा मंदिर के लिए निकले रथ भगवान बालभद्र के रथ में आई दिक्कत के बाद अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच सके।
ऐसे में अब श्रद्धालुओं को शनिवार को भी भगवान के रथ खींचने का अवसर दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार पहांडी व रथ खींचने की प्रक्रिया तो समय से शुरू हो गई थी लेकिन भगवान बालभद्र के रथ के एक मोड़ पर फंसने की वजह से तीनों रथ गुंडिचा मंदिर समय से नहीं पहुंच पाए। भगवान बालभद्र का रथ बीच में रुक जाने से देवी सुभद्रा के रथ को मारीचकोटे पर और भगवान जगन्नाथ के रथ को मुख्य मंदिर के पास रुकना पड़ा। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि यात्रा में कोई बड़ी समस्या नहीं हुई। ना कोई हादसा, न कोई अप्रिय घटना सामने आई है। उन्होंने कहा कि यात्रा शुरू होने के अगले दिन भी रथों का खींचा जाना कोई असामान्य बात नहीं है। हरिचंदन ने बताया कि सभी रस्मों को समयानुसार पूरा कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि अनुकूल मौसम होने की वजह से यात्रा में पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या औसत से डेढ़ गुना अधिक है। जो लोग विशेष रूप से भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने के लिए वहां पहुंचे हैं उन्हें शनिवार को भी मौका दिया जाएगा। मंत्री ने रात आठ बजे रथ खींचे जाने की रस्म को रोकने के आदेश दे दिए। इससे पूर्व शाम 4 बजे जब नौ दिवसीय रथयात्रा का शुभारंभ हुआ तो लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने उसमें भाग लिया। हर तरफ हरि बोल व जय जगन्नाथ के उद्घोष के बीच तीनों रथ मंदिर के सिंहद्वार से निकले। रथ खींचने वालों में प्रमुख रूप से ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कमभमपति, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी भी शामिल रहे। इस दौरान हर तरफ शंख, झांझ व मंजीरों की ध्वनि के बीच लोग काफी उत्साहित नजर आए। यात्रा मार्ग पर सड़क के दोनों और घरों की छतों पर भगवान के दर्शन के लिए भारी जनसैलाब उमड़ा था। यात्रा में ओडिसी नर्तकों के साथ ही लोक कलाकारों ने भी भाग लिया। व्हील चेयर पर रथ तक पहुंचे शंकराचार्य श्री गोवर्धन पीठ के 81 वर्षीय शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती अपने शिष्यों साथ रथों के पास तक पहुंचे। यह यात्रा की एक परंपरा है। उम्र की वजह से इस परंपरा को निभाने के लिए शंकराचार्य व्हील चेयर के जरिए रथों तक पहुंचे। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए पुलिस महानिदेशक वाई.बी.खुरानिया ने बताया कि यात्रा के सुरक्षित व व्यवस्थित संचालन के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। स्थानीय पुलिस के साथ ही बीएसएफ, सीआरपीएफ, आरएएफ, एनएसजी कमांडो, ड्रोन रोधी दस्ते और अचूक निशानेबाजों सहित 10,000 से अधिक कर्मियों की तैनाती की गई है। भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल और राज्य समुद्री पुलिस तटीय सीमा पर गश्त कर रही है जबकि बड़ा डांडा और आसपास के इलाकों में 275 एआई-संचालित सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन जैमर लगाए गए हैं।
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