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इंफो:: आईएनएस अर्नाला भारतीय नौसेना की नई ताकत, समुद्री सुरक्षा होगी मजबूत

भारतीय नौसेना ने एंटी सबमरीन वॉरफेयर श्रेणी का पहला युद्धपोत आईएनएस अर्नाला शामिल किया है। यह युद्धपोत 80 फीसदी स्वदेशी तकनीक से बना है और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा। इसका वजन 1490 टन और लंबाई...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 18 June 2025 09:39 PM
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इंफो:: आईएनएस अर्नाला भारतीय नौसेना की नई ताकत, समुद्री सुरक्षा होगी मजबूत

विशाखापत्तनम, एजेंसी। भारतीय नौसेना के बेड़े में एंटी सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट श्रेणी का पहला युद्धपोत आईएनएस अर्नाला शामिल हो गया। 80 फीसदी स्वदेशी तकनीक से तैयार इस युद्धपोत के नौसेना में शामिल होने से समुद्री सुरक्षा और मजबूत होगी। आधुनिक तकनीक से लैस युद्धपोत समुद्री क्षेत्र में भारत के रक्षा कवच को मजबूत करेगा। इस श्रेणी के कुल 16 युद्धपोत नौसेना में शामिल होंगे। नौसेना रीढ़ की हड्डी विशाखापत्तनम के नेवल डॉकयार्ड में आयोजित कार्यक्रम में युद्धपोत नौसेना में शामिल हुआ। कार्यक्रम में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि खरीदारी करने वाली नौसेना अब निर्माण करने लगी है।

नौसेना नीले पानी में भारत की रीढ़ की हड्डी है। रॉकेट भी लॉन्च होगा युद्धपोत से रॉकेट दागा जा सकत है। पानी के भीतर से दुश्मन के ठिकानों पर मिसाइल दागी जा सकती है। डेक पर लगी आधुनिक बंदूकों से दुश्मन पर निशाना साध लगातार फायरिंग हो सकती है। सबसे बड़ा युद्धपोत युद्धपोत का वजन 1490 टन से अधिक जबकि लंबाई 77.6 मीटर है। डीजल इंजन और वॉटरजेट से चलने वाला ये युद्धपोत भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा युद्धपोत है। निगरानी से लेकर सुरक्षा युद्धपोत ऑपरेशन सीरीज के लिए डिजाइन किया है। तटीय इलाकों में खुफिया निगरानी, तटीय सुरक्षा चक्र को मजबूती मिलेगी। राहत और बचाव कार्यों के साथ हल्के समुद्री अभियानों में अहम भूमिका निभाएगा। हिंद महासागर में मजबूती युद्धपोत के बेड़े में शामिल होने से तटीय सुरक्षा मजबूत होगी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र में यह आत्मनिर्भर समुद्री शक्ति के रूप में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगा। कई कंपिनयों की भूमिका इस युद्धपोत को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, एलएंडटी, महिंद्रा डिफेंस और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड - एमईआईएल सहित 55 से अधिक कंपनियों ने इसे मिलकर तैयार किया है। किले पर रखा गया नाम युद्धपोत का नाम महाराष्ट्र के वसई स्थित ऐतिहासिक अर्नाला किले के नाम पर रखा है। ये किले की समुद्री विराशत को दर्शाता है। किले का निर्माण 1737 में हुआ था। किले के कुएं में आज भी पानी है।

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