खेल : बाहर होने से बचने के लिए भारत को चाहिए सिर्फ जीत
भारतीय महिला हॉकी टीम को एफआईएच प्रो लीग में बने रहने के लिए शनिवार को चीन के खिलाफ जीत दर्ज करनी होगी। टीम 14 मैचों में 10 अंकों के साथ सबसे निचले स्थान पर है और लगातार छह हार का सामना कर रही है।...

एफआईएच प्रो लीग् बर्लिन, एजेंसी। भारतीय महिला हॉकी टीम को अगर एफआईएच प्रो लीग में बाहर होने से बचना है तो उसे लगातार छह हार के सिलसिले को तोड़कर शनिवार को हर हाल में चीन पर जीत दर्ज करनी होगी। टीम वर्तमान में 14 मैचों में 10 अंकों के साथ नौ टीमों की तालिका में सबसे निचली पायदान पर है। उस पर 2026 में दूसरी श्रेणी के एफआईएच नेशंस कप में खिसकने का खतरा मंडरा रहा है। हॉकी इंडिया ने जब हरेंद्र सिंह को फिर से टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया था तब किसी ने भी नहीं सोचा था कि टीम इस स्थिति में पहुंच जाएगी।
इस साल के शुरू में घरेलू चरण में अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीम टूर्नामेंट के यूरोपीय चरण में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। टीम अब शनिवार और रविवार को चौथे स्थान पर काबिज चीन के खिलाफ लगातार दो मैचों में जीत के साथ अपने अभियान का सकारात्मक अंत करने के लिए प्रतिबद्ध होगी। भारत ने चीन के खिलाफ जो पिछला मैच खेला था उसमें जीत हासिल की थी। उसने पूल चरण में चीन को 3-0 से हराया था। इसके अलावा वह पिछले साल नवंबर में बिहार में खेली गई एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के करीबी फाइनल (1-0) में मिली जीत से भी प्रेरणा हासिल करने की कोशिश करेगा। भारतीय टीम को भले ही लगातार छह हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन उसने यहां अच्छी और आक्रामक हॉकी खेली। लेकिन शुरुआत में मिले मौकों का फायदा उठाने और पेनाल्टी कॉर्नर को भुनाने में असफल रहने के कारण टीम को हार का सामना करना पड़ा। दीपिका पर पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल करने का बहुत अधिक दबाव था जिससे उनका खेल प्रभावित हुआ। भारतीय मिडफील्ड ने हालांकि अच्छा प्रदर्शन किया। सलीमा, लालरेमसियामी, शर्मिला देवी, सुनलिता टोप्पो, वैष्णवी विट्ठल फाल्के और नेहा जैसी खिलाडि़यों ने अग्रिम पंक्ति के लिए पर्याप्त मौके बनाए। हालांकि स्ट्राइकरों ने निराश किया। ---------------------- ::: कोटस ::: 'यह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण मैच हैं लेकिन हम पुरुष टीम से प्रेरणा लेंगे, जिसने बेल्जियम के खिलाफ शानदार जीत दर्ज करके अपने अभियान का सकारात्मक अंत किया था। प्रो लीग में खेलना हमारे लिए सीखने का एक अच्छा अनुभव रहा है। कई ऐसे पहलू हैं जिन पर हमें एक टीम के रूप में काम करने की जरूरत है। हम स्वदेश लौट कर अपने प्रदर्शन पर आत्ममंथन करेंगे लेकिन अभी हमारा ध्यान चीन के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने पर है।' -सलीमा टेटे, भारतीय कप्तान
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