अपडेट::::ब्यूरो::जातियों के साथ जनगणना फरवरी 2027 में होगी
केंद्र सरकार ने फरवरी 2027 में जनगणना की तिथियों का ऐलान किया है। पहाड़ी राज्यों में यह सितंबर 2026 में पूरी की जाएगी। इस बार ओबीसी के आंकड़े भी एकत्र किए जाएंगे। जनगणना पूरी तरह डिजिटल तरीके से कराने...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। केंद्र सरकार ने आखिरकार जनगणना की तिथियों का ऐलान कर दिया है। फरवरी 2027 में जनगणना की जाएगी जिसे एक मार्च 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा। वहीं पहाड़ी राज्यों के बर्फीले इलाकों में इसे सितंबर-2026 में पूरा कर लिया जाएगा। इस बार जनगणना के साथ जातीय गणना भी कराई जाएगी। गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी कर यह घोषणा की। बयान में कहा गया है कि जनगणना के लिए संदर्भ तिथि एक मार्च 2027 होगी। यानि इस दिन जनगणना का कार्य पूरा हो जाएगा। देश की आबादी कितनी हो गई है, संभवतः यह भी एक मार्च को पता चल जाएगा।
बाकी आंकडे चरणबद्ध तरीके से बाद में आएंगे। सरकार ने कहा कि इस बार भी जनगणना के कार्य को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, कश्मीर और लद्दाख के ऊंचे बर्फीले इलाकों में जनगणना का काम सितंबर 2026 के आखिर में पूरा कर लिया जाएगा क्योंकि फरवरी में वहां बर्फ जमी रहती है। इन इलाकों के लिए जनगणना की संदर्भ तिथि एक अक्तूबर 2026 होगी। यानि इस अवधि तक जनगणना का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। बता दें कि देश में हर 10 साल में जनगणना होती है लेकिन कोरोना महामारी के चलते 2021 में जनगणना नही हो पाई थी। ओबीसी के आंकड़े एकत्र किए जाएंगे जनगणना के दौरान अब तक अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के आंकडे ही एकत्र किए जाते थे लेकिन इस बार अन्य पिछड़ा वर्ग यानि ओबीसी के आंकडे भी एकत्र किए जाएंगे। विपक्ष पिछले काफी समय से ओबीसी की गणना यानि जातीय गणना की मांग कर रहा था। इस पर केंद्र ने कुछ समय पूर्व अपनी मंजूरी दी थी। जनगणना के दौरान सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों से जुड़े करीब 33 किस्म के आंकडे एकत्र किए जाने की संभावना है। हालांकि सही स्थिति अधिसूचना जारी होने के बाद ही सामने आएगी। सूत्रों ने कहा कि जनगणना के कार्य को इस बार पूरी तरीके से डिजिटल तरीके से करने की तैयारी की जा रही है। इससे समय और श्रमशक्ति कम लगेगी, आंकडे ज्यादा सटीक होंगे और जल्दी प्राप्त हो सकेंगे। पिछली जनगणना भी दो चरणों में गृह मंत्रालय के अनुसार जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के प्रावधान के अनुसार उपरोक्त संदर्भ तिथियों के साथ जनगणना कराने के आशय की अधिसूचना संभवतः 16 जून को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। भारत की जनगणना का कार्य जनगणना अधिनियम, 1948 और जनगणना नियम 1990 के प्रावधानों के अंतर्गत की जाती है। भारत की पिछली जनगणना 2011 में दो चरणों में की गई थी। पहले चरण में मकान सूचीकरण 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2010) और दूसरे चरण में 9 फरवरी से 28 फरवरी 2011) के दौरान संदर्भ जनगणना की गई थी। जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बर्फ से ढके असमकालिक क्षेत्रों के लिए यह 11 से 30 सितंबर 2010 के दौरान आयोजित की गई थी। कोरोना के कारण स्थगित हुई जनगणना जनगणना 2021 को भी इसी तरह दो चरणों में आयोजित करने का प्रस्ताव था, पहला चरण अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान और दूसरा चरण फरवरी 2021 में आयोजित किया जाना था। 2021 में आयोजित की जाने वाली जनगणना के पहले चरण की सभी तैयारियां पूरी हो गई थीं और 1 अप्रैल, 2020 से कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में क्षेत्रीय कार्य शुरू होने वाला था। हालांकि, देश भर में कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण जनगणना का काम स्थगित करना पड़ा था।
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