आगरा में बनेगा सीआईपी का क्षेत्रीय केंद्र, मिली मंजूरी
- केंद्रीय कैबिनेट ने 111 करोड़ की लागत से केंद्र बनाने को दी मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के आगरा में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (सीआईपी) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (सीएसएआरसी) की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बुधवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट में पारित प्रस्ताव की जानकारी देते हुए बताया कि भारत आलू और शकरगंद के उत्पादन के मामले में दूसरे नंबर पर है। आगरा भारत में सबसे बड़ा आलू उत्पादक क्षेत्र है। इसी को ध्यान में रखकर 111.5 करोड़ की लागत से अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र का क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किया जाएगा। केंद्र की स्थापन को लेकर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णायक तरीके से काम करके केंद्र के लिए जमीन उपलब्ध कराई है। अब केंद्र सरकार, राज्य सरकार और सीआईपी के सहयोग से यहां पर केंद्र बनेगा। राज्य सरकार ने 10 हेक्टेयर जमीन निशुल्क उपलब्ध कराई है। इस निवेश का मुख्य उद्देश्य आलू और शकरकंद की उत्पादकता, कटाई के बाद प्रबंधन और मूल्य संवर्धन में सुधार करके खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, किसानों की आय और रोजगार सृजन को बढ़ाना है। भारत में आलू क्षेत्र में उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, परिवहन, विपणन, मूल्य श्रृंखला आदि क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने की क्षमता है। इसलिए संभावनाओं का पता लगाने के लिए क्षेत्रीय केंद्र आगरा के सिंगना में स्थापित किया जाएगा है। सीएसएआरसी द्वारा विकसित आलू और शकरकंद की उच्च उपज प्रदाता, पोषक तत्वयुक्त और जलवायु अनुकूल किस्में न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर विज्ञान और नवाचार के माध्यम से दक्षिण एशिया क्षेत्र में भी आलू और शकरकंद क्षेत्रों के सतत विकास को महत्वपूर्ण रूप से गति प्रदान करेंगी।
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