अपडेट::::::अगले वर्ष भारतीय वायुसेना को मिलेंगे छह तेजस विमान : एचएएल प्रमुख
नोट--एफ-414 जेट इंजन बनाने के लिए पहल शुरू, बॉक्स जोड़ा गया है -इंजन की

नई दिल्ली, एजेंसी। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के प्रमुख डीके सुनील ने मंगलवार को कहा कि भारतीय वायुसेना को मार्च 2026 तक कम से कम छह हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस मिल जाएंगे। उन्होंने कहा है कि जीई एयरोस्पेस द्वारा इंजन की आपूर्ति में विलंब के कारण इस परियोजना में देरी हुई है। जीई एयरोस्पेस द्वारा चालू वित्त वर्ष में 12 इंजन की आपूर्ति किए जाने की उम्मीद है। इससे भारतीय वायुसेना को लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि हर कंपनी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। पहले कोरोना महामारी और बाद में वरिष्ठ अभियंताओं के चले जाने के कारण इंजन की आपूर्ति में देरी हुई है।
उन्होंने कहा कि मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि आज की तारीख में छह विमान तैयार हैं और हमारी ओर से कोई कमी नहीं है। हम लगातार इन विमानों का निर्माण कर रहे हैं। 16 जेट का होगा उत्पादन एचएएल ने आने वाले वर्ष में 16 जेट के उत्पादन की योजना बनाई है, बशर्ते कि जीई एयरोस्पेस से इंजन की आपूर्ति निरंतर संभव हो सके। रक्षा मंत्रालय ने फरवरी 2021 में वायुसेना के लिए 83 तेजस एमके-1ए जेट की खरीद के लिए एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का सौदा किया। मंत्रालय 67,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 और एलसीए एमके-1ए खरीदने की प्रक्रिया में है। एफ-414 जेट इंजन बनाने के लिए पहल शुरू डीके सुनील ने कहा कि वह मार्च तक अमेरिकी रक्षा कंपनी जीई एयरोस्पेस के साथ समझौता करेंगे, जिसके तहत दोनों कंपनियां मिलकर भारत में अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए जेट इंजन बनाएगी। भारत में एफ-414 इंजन के संयुक्त उत्पादन की मेगा योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2023 में वाशिंगटन डीसी यात्रा के दौरान की गई थी। सुनील ने कहा कि इंजनों के लिए प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण पर जीई एयरोस्पेस के साथ महत्वपूर्ण बातचीत पूरी हो गई है और दोनों पक्ष अब परियोजना के वाणिज्यिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सुनील ने कहा कि जीई इंजन का उपयोग तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मार्क 2 वैरिएंट और पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के शुरुआती प्रोटोटाइप में किया जाएगा।
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