गूगल को 4.1 अरब डॉलर के जुर्माने में शीर्ष अदालत से झटका
गूगल को यूरोप की सर्वोच्च अदालत के सलाहकार द्वारा 4.1 अरब डॉलर के जुर्माने के मामले में एक और झटका लगा है। अदालत ने कहा कि गूगल ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अपने एंड्रायड मोबाइल...

ब्रुसेल्स, एजेंसी। दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल को 4.1 अरब डॉलर के जुर्माने के मामले में एक और झटका लगा है। यूरोप की सर्वोच्च अदालत के सलाहकार ने यूरोपीय संघ के अविश्वास नियामकों का पक्ष लेते हुए गूगल पर लगे जुर्माना को सही ठहराया है। यूरोपीय आयोग ने 2018 में अपने एक फैसले में कहा था कि गूगल ने अपने एंड्रायड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बंदिश लगाने का काम किया था। अदालत ने इस मामले में सात साल पहले गूगल पर 4.98 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया था। निचली अदालत ने वर्ष 2022 में आयोग के फैसले से सही ठहराया लेकिन जुर्माने की राशि को घटाकर 4.1 अरब डॉलर कर दिया था।
इसके बाद गूगल ने शीर्ष कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लग्जमबर्ग स्थित आयोग के कोर्ट ऑफ जस्टिस की न्यायमूर्ति जुलियाने कोकॉट ने इस मामले में अदालत को सलाह दी कि गूगल की अपील को खारिज कर दें और निचली अदालत द्वारा लगाए गए जुर्माने को जारी रखें। आरोप है कि गूगल वर्ष 2011 से गैरकानूनी ढंग से उत्पादकों से गूगल सर्च और गूगल क्रोम ब्राउजर इंस्टॉल करवाता है। गूगल का पक्ष प्रभावशाी नहीं जुलियाने ने कहा था कि गूगल ने बहस के दौरान जो तर्क पेश किए वो प्रभावशाली नहीं थे। अदालत ने कहा कि बाजार में कई क्षेत्रों में गूगल का एकाधिकार है। एंड्रायड के क्षेत्र में उसकी पैठ इतनी मजबूत है कि लोग किसी दूसरे सर्च इंजन की बजाए गूगल सर्च का इस्तेमाल सबसे अधिक करते हैं। फैसले से गूगल निराश गूगल के प्रवक्ता ने कहा एंड्रायड ने सभी को मौका दिया। यूरोप और दुनियाभर में सफल उद्योगों की ये एक मुख्य कड़ी है। हम इस फैसले से निराश हैं। अदालत का ये रूख है तो इससे निवेशकों का मनोबल गिरेगा। इस फैसले से एंड्रायड उपयोगकर्ताओं को भी नुकसान होगा।
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