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ओएनजीसी के कुएं में गैस रिसाव जारी, 70 परिवारों को हटाया

असम के शिवसागर जिले में ओएनजीसी के एक कुएं से गैस रिसाव चौथे दिन भी जारी रहा। बढ़ते खतरे को देखते हुए 70 परिवारों को राहत शिविर में स्थानांतरित किया गया है। प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि प्रभावित...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 15 June 2025 04:08 PM
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ओएनजीसी के कुएं में गैस रिसाव जारी, 70 परिवारों को हटाया

तीन दिन बाद भी गैस रिसने पर कुएं को नष्ट करने का निर्णय लिया गया प्रभावित परिवारों को बनगांव में स्थानांतरित कर जरूरी सुविधा मुहैया कराई शिवसागर, एजेंसी। असम के शिवसागर जिले में ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के एक कुएं में गैस का रिसाव चौथे दिन भी जारी रहा। बढ़ते खतरे के मद्देनजर 70 परिवारों को राहत शिविर में पहुंचाया गया है। कंपनी अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ओएनजीसी के निदेशक (प्रौद्योगिकी एवं फील्ड सेवाएं) विक्रम सक्सेना के नेतृत्व में एक टीम ने शनिवार को कुआं संख्या आरडीएस 147 का परिचालन नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया, जहां रिसाव शुरू हुआ था।

कुएं को नष्ट करने की प्रक्रिया जारी है और हमने इसके लिए सभी आवश्यक उपकरण जुटा लिए हैं। संकट प्रबंधन दल (सीएमटी) रिसाव को नियंत्रित करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि कुएं में अभी तक आग नहीं लगी है और इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। यह गैस रिसाव 12 जून को भाटियापार के बारीचुक में ओएनजीसी के रुद्रसागर तेल क्षेत्र के रिग नंबर एसकेपी 135 के कुआं नंबर आरडीएस 147ए में हुआ था। एक निजी फर्म एसके पेट्रो सर्विसेज, सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी की ओर से कुएं का संचालन कर रही थी। जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस घटना से करीब 1,500 लोग प्रभावित हुए हैं। उन्हें गैस की गंध आ रही है और वे अपना चूल्हा या कुछ भी नहीं जला पा रहे हैं। हम उन्हें पका हुआ भोजन उपलब्ध करा रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। जिला प्रशासन ने फेसबुक पर कहा कि इस क्षेत्र से 70 परिवारों को निकटवर्ती बनगांव में स्थापित राहत शिविर में स्थानांतरित कर दिया गया है। उनकी सुविधा और खुशहाली सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। प्रशासन ने कहा, “फिलहाल स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग के चिकित्सक मौके पर मौजूद हैं। वे लोगों और उनके पालतू जानवरों की स्वास्थ्य स्थिति की जांच कर रहे हैं।” इससे पहले, ओएनजीसी के एक अधिकारी ने कहा था कि यह एक पुराना कच्चा तेल कुआं था जिसमें उत्पादन नहीं हो रहा था।

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