दिल्ली की 150 कॉलोनियां जीरो वेस्ट में परिवर्तित होंगी
दिल्ली में एमसीडी ने 150 कॉलोनियों को जीरो वेस्ट कॉलोनियों में बदलने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत गीले कचरे को मौके पर ही रीसाइक्लिंग और निस्तारण किया जाएगा। सफल कॉलोनियों को प्रोत्साहन राशि दी...

नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। सोसाइटियों और कॉलोनियों से निकलने वाले कचरों को लैंडफिल साइटों पर पहुंचने से रोकने के लिए एमसीडी ने एक योजना बनाई है। इसके तहत दिल्ली की 150 कॉलोनियों को जीरो वेस्ट कॉलोनियों में परिवर्तित करने की तैयारी है। योजना के मुताबिक, इन कॉलोनियों से हर दिन निकलने वाले गीले कचरे को पूरी तरह से मौके पर ही रीसाइकिल और निस्तारित किया जाएगा। जिन कॉलोनियों में यह योजना पूरी तरह कारगर साबित होगी, उसे नगर निगम की ओर से प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। इस फंड को निगम इन कॉलोनियों के विभिन्न विकास कार्य पर खर्च करेगा। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में विभिन्न सोसायटियों और कॉलोनियों को जीरो वेस्ट में बदल रहे हैं।
इसमें प्लास्टिक को रीसाइकिल करने और गीले कचरे को मौके पर ही निस्तारित करने वाली संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। कॉलोनियों के पार्कों में गीले कचरे को डालकर उससे खाद बनाई जाती है। यह हरियाली बढ़ाने में भी कारगर होती है। निगम अगले पांच महीने में 150 कॉलोनियों को जीरो वेस्ट में बदलेगा। अब तक निगम ने 590 कॉलोनियों को जीरो वेस्ट में बदला गया है। 300 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण कर रहे भारत प्रदूषण नियंत्रण संघ (आईपीसीए) के संस्थापक व निदेशक आशीष जैन ने बताया कि एमसीडी के साथ बीते कई वर्षों से कॉलोनियों व सोसाइटियों को जीरो वेस्ट कॉलोनियों में बदलने का काम कर रहे हैं। अब 150 कॉलोनियों को जीरो वेस्ट में बदलेंगे। इन जीरो वेस्ट कॉलोनियों से एक वर्ष में 300 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण किया जाता है। प्लास्टिक व अन्य सूखे कचरे को रीसाइकिल करते हुए कुर्सी, टेबल वगैरह जैसी वस्तुएं बनाई जाती हैं।
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