ट्रक ड्राइवर 112 रुपये में वातानुकूलित ‘अपना घर में ठहर सकेंगे
नोट--बाईलाइन हटाकर विशेष संवाददाता किया गया है। --इस घर की क्षमता 35 बिस्तरों की

दोसा (राजस्थान), विशेष संवाददाता। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर ट्रक, बस, टैक्सी ड्राइवर मात्र 112 रुपये में वातानुकूलित ‘अपना घर में ठहर सकेंगे। देश का यह पहला एक्सप्रेस-वे है जहां कम दामों में साफ सुथरे एसी कमरे, वाई-फाई, किचन, टॉयलेट, ढाबा, पेट्रोल पंप आदि की सुविधाएं होगी। दिल्ली एक्सप्रेस-वे से 172 किलोमीटर दूर अपना घर की क्षमता कुल 35 बिस्तर की है। ट्रक ड्राइवरों को इसके लिए अपना घर एप में जाकर ड्राइविंग लाइसेंस अपलोड करना होगा। इसके बाद अपना घर में ठहरने के घंटे, मोबाइल नंबर आदि दर्ज करना होगा। अपना घर के ड्रामेट्री में दो घंटे रुकने के लिए महज 56 रुपये देने होगा।
यदि ड्राइवर आठ घंटे रुकते हैं तो उनको 112 रुपये अदा करने होंगे। आठ घंटे से 24 घंटे के लिए 336 रुपये किराया देना होगा। राजस्थान में एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) प्रदीप अत्री ने बताया कि अपना घर में ट्रक ड्राइवरों के हिसाब से सुविधाएं मुहैया करायी गई है। उनके लिए किचन में खुद खाना पकाने की सुविधा होगी। इसके अलावा वह अपना घर के ढाबे में भी खाना खा सकेंगे। थाली के दाम महज 130 रुपये होगी। इसमें एक सब्जी, दाल, रोटी, चावल, सलाद, पापड़ व अचार दिया जाएगा। यह ढाबा पूरी तरह से शाकाहारी होगा। इसके अलावा पूड़ी-सब्जी, छोले-भटूरे, पराठा, दाल, सब्जी, चाट, समोसा, चाय, कोल्ड ड्रिंक आदि उपलब्ध होगी। अत्री ने बताया कि उपरोक्त अपना घर को इंडियन आयल कंपनी संचालित कर रही है। वर्तमान में 50 लीटर पेट्रोल भरवाने पर ठहरना मुफ्त है। हालांकि, यह सेवा कुछ महीनों के लिए है। इसी प्रकार एक्सप्रेस-वे पर अन्य अपना घर सरकारी उपक्रमों व निजी कंपनियों की मदद से बनाए जाएंगे। ------------ पर्यटकों के लिए विशेष व्यवस्था आरओ प्रदीप अत्री ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर पर्यटकों-सड़क यात्रियों के लिए अलग सुविधाएं है। यहां ब्रांडेड खानपान की व्यवस्था है। लेकिन मध्यम वर्ग के ट्रक ड्राइवरों के लिए विशेष रूप से 18 हेक्टेयर में अपना घर विश्राम गृहों को बनाया जा रहा है। वर्तमान में एक्सप्रेस-वे पर चार अपना घर बनाए गए हैं। योजना है कि प्रत्येक 40 किलोमीटर की दूरी पर एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर अपना घर बनाए जाएंगे। --------------- पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग पर नहीं है सुविधा जानकारों का कहना है कि वर्तमान में पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग पर ये सुविधाएं नहीं है। ट्रक ड्राइवर ढाबों अथवा क्षेत्रीय दुकानों में ठहरते व खाते हैं। यहां बेहतर सुविधाएं नहीं हैं। पूरा आराम व नींद नहीं मिलने के कारण ड्राइवर एकाग्रचित होकर ट्रक नहीं चला पाते हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में 70 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं ड्राइवरों के कारण होती हैं। ----------------
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