Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsDelhi Health Ministers Saurabh Bhardwaj and Satyendar Jain Under ACB Investigation for Alleged Scams

गृह मंत्रालय ने सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज पर केस की मंजूरी दी

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एसीबी जांच की मंजूरी दे दी है। उन पर अस्पताल परियोजनाओं में देरी और घोटाले के आरोप हैं। यह जांच...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 24 June 2025 09:43 PM
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गृह मंत्रालय ने सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज पर केस की मंजूरी दी

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एसीबी जांच की मंजूरी दे दी। दोनों नेताओं पर अस्पताल परियोजनाओं में देरी से संबंधित कथित घोटाले का आरोप है। राज निवास के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह जांच पिछले साल अगस्त में भाजपा के विजेंद्र गुप्ता द्वारा की गई शिकायत के बाद की गई है। अधिकारी ने बताया कि गुप्ता ने तत्कालीन मंत्री भारद्वाज और जैन की मिलीभगत से दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। एसीबी जांच में खुलासा अधिकारी ने बताया कि शिकायत के बाद एसीबी ने प्रथम दृष्टया प्राथमिकी जांच में परियोजना लागत में लगातार वृद्धि, विभाग द्वारा जानबूझकर देरी, धन का गलत आवंटन और बेकार संपत्तियों के निर्माण का खुलासा किया।

जांच में एसीबी ने इसे कदाचार और भ्रष्ट गतिविधि बताया, जिसके परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। एसीबी ने अपने निष्कर्षों को डीओवी के पास भेजा एसीबी ने अपने निष्कर्षों को भारद्वाज और जैन के खिलाफ जांच की सहमति के लिए सतर्कता विभाग (डीओवी) को भेजा। विभाग ने आगे की टिप्पणियों के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को भेज दिया। स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी ने की सिफारिश स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि इन मुद्दों पर एसीबी द्वारा विचार किया जा सकता है और उन्हें जांच करने में कोई आपत्ति नहीं है। पीडब्ल्यूडी ने आईसीयू अस्पताल, पॉलीक्लिनिक और 24 अन्य अस्पतालों के निर्माण से संबंधित सभी मुद्दों की जांच करने की सिफारिश की। योजना बनाने में मेहनत नहीं की गई अधिकारी ने कहा कि डीओवी ने एक फाइल नोटिंग में कहा कि अस्पतालों का निर्माण निर्धारित समय में पूरे नहीं हुए। सतर्कता विभाग ने कहा कि अनुमान तैयार करने और योजना बनाने में कथित रूप से उचित मेहनत नहीं की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप मूल स्वीकृत राशि से पूरी लागत में असामान्य वृद्धि हुई।

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