कांवड़ समितियों को शिविर लगाने पर 10 लाख तक की मदद देगी सरकार
दिल्ली सरकार ने कांवड़ सेवा शिविर लगाने वाली समितियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के तहत आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया है। पंजीकृत समितियों को 50,000 से 10 लाख रुपये तक की राशि...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली सरकार कांवड़ सेवा शिविर लगाने वाली समितियों को अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के तहत सीधा आर्थिक लाभ देगी। अब सरकार की ओर से तय एजेंसी टेंट नहीं लगाएगी। समितियों को टेंट से लेकर खाने-पीने तक की सभी व्यवस्था खुद करनी होगी। सरकार समितियों को 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक का सीधा आर्थिक मदद देगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट बैठक के बाद दिल्ली सचिवालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में रेखा गुप्ता ने बताया कि कांवड़ शिविरों के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सरकार डीबीटी योजना लाई है।
अब कांवड़ समितियों को पूरे कांवड़ यात्रा के दौरान सरकारी टेंटों के भरोसे नहीं रहना होगा। बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी। समितियां खुद सारी व्यवस्था करें, सरकार उन्हें सीधे आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि समितियों को आधा पैसा कांवड़ शिविरों को लगाने से पहले, जबकि आधा शिविर खत्म होने के बाद मिलेगा। पंजीकृत समितियों को ही लाभ मिलेगा मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में पंजीकृत कांवड़ शिविर समितियों को ही इसका लाभ मिलेगा। दिल्ली में वर्तमान में 170 कांवड़ शिविर पंजीकृत हैं। अगर अभी तक कोई पंजीकृत नहीं है, तो उसे अब भी मौका मिलेगा। वह स्थानीय डीएम कार्यालय में जाकर पंजीकरण करा सकता है। समिति को सात दिन के भीतर पंजीकृत कर दिया जाएगा। उसे एकीकृत सिंगल विंडो सिस्टम से सभी अनुमतियां मिलेंगी। समितियों को 30 जुलाई तक पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। सुविधा के आधार पर तय राशि तय होगी मुख्यमंत्री ने बताया कि कांवड़ सेवा शिविरों को लगाने की अवधि और सुविधाओं के आधार पर सहायता राशि चार वर्गों में बांटकर दी जाएगी। अगर कोई शिविर कम दिन के लिए लगता है, तो उसे कम राशि मिलेगी। वहीं, पूरे सावन चलने वाले शिविरों को ज्यादा पैसा मिलेगा। न्यूनतम राशि 50 हजार, जबकि अधिकतम राशि दस लाख रुपये रखी गई है। उन्होंने कहा कि राशि लेने के लिए समितियों को अपना यूटिलिटी बिल जमा कराना होगा। 1200 यूनिट बिजली मुफ्त कांवड़ शिविरों को 1200 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहला मौका है जब कांवड़ शिविरों को बिजली मुफ्त दी जाएगी। पहले इसके लिए समितियों को बिल जमा करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि हमने बीते वर्षों के बिल चेक किए तो पता चला कि अधिकतम 900 यूनिट तक बिजली समितियों में खर्च हुई है। इसलिए 1200 यूनिट तक की सीमा तय की गई है। इसका सारा बिल सरकार जमा कराएगी। मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव समिति का गठन दिल्ली सरकार ने तीर्थ यात्रा विकास समिति का नाम बदल दिया है। अभी तक दिल्ली में हर तरह के धार्मिक आयोजन तीर्थ यात्रा विकास समिति की ओर से होता था, लेकिन अब इसका नाम बदलकर मुख्यमंत्री धार्मिक उत्सव कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में छठ, कांवड़ यात्रा सब उत्सव की तरह मनाया जाता है, इसलिए इसका नाम यह रखा गया है। अभी तक इस समिति के सदस्यों को मनोनित नहीं किया गया है। समय कम है, इसलिए एक कार्यवाहक समिति मंत्री कपिल मिश्रा की अध्यक्षता में गठित की गई है। यह समिति फिलहाल कांवड़ यात्रा की तैयारियों को देखेगी।
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