संघर्ष का भारतीय कंपनियों पर प्रभाव फिलहाल सीमित
क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम एशिया में संघर्ष का भारतीय कंपनियों के वैश्विक व्यापार पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। हालांकि, बढ़ती अनिश्चितताएं कच्चे तेल की कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं। इजराइल...

कोलकाता, एजेंसी। साख तय करने वाली एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा है कि पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष का फिलहाल भारतीय कंपनियों के वैश्विक व्यापार पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि अगर अनिश्चितताएं बढ़ती हैं, तो कुछ क्षेत्रों पर इसका असर पड़ सकता है। अनिश्चितताओं ने वैश्विक कच्चे तेल के बाजारों को प्रभावित किया है। पिछले एक सप्ताह में ब्रेंट क्रूड 73 से 76 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहा है। अप्रैल और मई के दौरान, ब्रेंट क्रूड 65 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बना हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया है कि तनाव बढ़ने से कच्चे तेल की कीमतों में और उछाल आ सकता है।
इससे तेल उत्पादक कंपनियों को फायदा होगा और रिफाइनरी कंपनियों के मार्जिन में कमी आएगी। क्रिसिल ने कहा कि संघर्ष में शामिल दो देशों... इजराइल और ईरान के साथ भारत का सीधा व्यापार कुल व्यापार का एक प्रतिशत से भी कम है। ईरान को भारत का मुख्य निर्यात बासमती चावल है, जबकि इजराइल के साथ व्यापार अधिक विविधतापूर्ण है। पश्चिम एशिया में अनिश्चितताओं के बढ़ने से ऊर्जा आपूर्ति शृंखलाओं में व्यवधान आने की संभावना है। विशेष रसायन, पेंट, विमानन और टायर जैसे कुछ अन्य क्षेत्र इसका प्रभाव महसूस कर सकते हैं।
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