ब्यूरो::::::::लोकसभा उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने की मांग खरगे ने की
- कहा-संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन लोकतांत्रिक राजनीति के लिए अच्छा संकेत नहीं - पिछली

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर लोकसभा उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया है। इस मामले में संवैधानिक प्रावधानों के बावजूद हो रही देरी का उल्लेख करते हुए उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि पिछली लोकसभा में भी कोई उपाध्यक्ष नहीं था और वर्तमान में भी कोई उपाध्यक्ष नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में खरगे ने कहा कि पहली से सोलहवीं लोकसभा तक प्रत्येक लोकसभा में संसद के दोनों सदनों में एक उपाध्यक्ष की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी दल के सदस्यों में से किसी एक को नियुक्त करने की सुस्थापित परंपरा भी रही है।
आखिरी बार 16वीं लोकसभा में एआईएडीएमके के नेता एम थंबीदुरई को उपाध्यक्ष चुना गया था। उन्होंने कहा कि उपाध्यक्ष पद की रिक्ति लोकतांत्रिक राजनीति के लिए अच्छे संकेत नहीं है। इसके साथ ही यह संविधान के निर्धारित प्रावधानों का उल्लंघन है। दूसरा सबसे बड़ा पीठासीन अधिकारी होता है उपाध्यक्ष खरगे ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार यह पद लगातार दो लोकसभा कार्यकालों के लिए रिक्त रहा है। सत्रहवीं लोकसभा के दौरान कोई उपाध्यक्ष नहीं चुना गया था और यह चिंताजनक मिसाल मौजूदा अठारहवीं लोकसभा में भी जारी है। संविधान के अनुच्छेद 93 लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों के चुनाव को अनिवार्य बनाता है। संवैधानिक रूप से उपाध्यक्ष अध्यक्ष के बाद सदन का दूसरा सबसे बड़ा पीठासीन अधिकारी होता है। दो पेज का लिखा पत्र प्रधानमंत्री को लिखे दो पेज के पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह लोकसभा में उपाध्यक्ष पद की रिक्ति से जुड़े अत्यधिक चिंताजनक मामले को आपके ध्यान में लाने के लिए लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 93 में कहा गया है कि सदन जितनी जल्दी हो सके किसी एक को उपाध्यक्ष चुनेगा। खरगे के मुताबिक परंपरागत रूप से उपाध्यक्ष का चुनाव नवगठित लोकसभा के दूसरे या तीसरे सत्र में किया जाता रहा है। अध्यक्ष तय करते हैं चुनाव की तिथि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस चुनाव की प्रक्रिया अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया के समान ही है, फर्क सिर्फ यह है कि उपाध्यक्ष के चुनाव की तिथि लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम 8(1) के अनुसार अध्यक्ष द्वारा तय की जाती है। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस पद पर रिक्ति संविधान के प्रावधानों का भी उल्लंघन है। इसलिए, प्रधानमंत्री को परंपराओं और संसद के लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए बिना किसी देरी के लोकसभा उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
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