पिक एंड ड्रॉप सेवा ठप, स्टेशन परिसर में वाहनों का कब्जा
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पिक एंड ड्रॉप सेवा पूरी तरह से बिगड़ गई है। यात्रियों को स्टेशन तक पहुंचने में 30 से 40 मिनट लग रहे हैं, जिससे ट्रेन छूटने का डर बना हुआ है। कैब और ऑटो चालकों के अव्यवस्थित...

नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पिक एंड ड्रॉप सेवा पूरी तरह चरमरा गई है। ऐसे में अगर आप ट्रेन पकड़ने के लिए ऐन वक्त पर यहां पहुंचते हैं, तो आपको कई तरह की दुश्वारियों का सामना करना पड़ सकता है। बेतरतीब खड़े वाहनों के कारण रोजाना लगने वाले लंबे जाम के कारण आपकी ट्रेन भी छूट सकती है। कैब-ऑटो चालकों की मनमानी के कारण पैदल निकलना भी मुश्किल होता है। सुरक्षा को लेकर भी यहां खास इंतजाम नजर नहीं आते। वाहन बिना जांच के बेरोकटोक स्टेशन बाहर तक आ-जा रहे हैं। रोजाना की तरह रविवार को भी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर ऐसा ही नजारा देखने को मिला।
अजमेरी गेट की ओर से स्टेशन से परिसर में प्रवेश करने के लिए पहले जहां यात्रियों को दो से तीन मिनट लगते थे। वहीं, अब 30 से 40 मिनट लग रहे हैं। व्यस्ततम समय में यह अवधि एक घंटे के आसपास पहुंच जाती है। दोपहर तीन बजे के करीब नई दिल्ली से वैष्णो देवी के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस में सफर करने पहुंचे पटेल नगर के आशुतोष मिश्रा ने बताया कि जितना समय उन्हें स्टेशन पहुंचने में नहीं लगा, उतना परिसर में प्रवेश करने लग गया। अब डर है कि कहीं ट्रेन छूट न जाए। बैरिकेड पार्किंग हटने के बाद व्यवस्था बिगड़ी बैरिकेड पार्किंग हटने से स्टेशन के बाहर पिक एंड ड्रॉप सेवा अव्यवस्थित हो गई है। यहां ई-रिक्शा से लेकर कैब चालकों ने रास्ता रोक लिया है। सबसे अधिक परेशानी पैदल यात्रियों को हो रही है। कैब चालक यात्रियों के इंतजार में कहीं भी वाहन पार्क कर दे रहे हैं, इससे लंबा जाम लग रहा है। हैरानी की बात यह है कि जाम से जूझते यात्रियों की मदद के लिए न तो यातायात पुलिस का कोई कर्मचारी नजर आता है और न आरपीएफ का कोई जवान। पार्किंग में हो रही अवैध वसूली रेलवे स्टेशन पर टीटीई अगर आपको पार्किंग की पर्ची काटते दिखें, तो हैरान न हों। यहां सामान्य पार्किंग में चार पहिया वाहन से दो घंटे के 50 रुपये और दोपहिया वाहन के 20 रुपये निर्धारित हैं। इसी तरह प्रीमियम पार्किंग में दो घंटे के लिए 150 रुपये का शुल्क है, लेकिन टीटीई यहां बिना पर्ची के वाहनों को पार्क करा रहे हैं। इसके एवज में दो घंटे के 200 से 300 रुपये वसूले जा रहे हैं। अवैध वसूली की यही स्थिति सामान्य पार्किंग में भी है। गाजियाबाद से बहन को छोड़ने आए दीपक रॉय कहते हैं कि उन्होंने अपने वाहन को प्रीमियम पार्किंग में खड़ा किया था। वह दो घंटे से भी कम यहां रुके, लेकिन पार्किंग शुल्क 250 रुपये लिया गया, वह भी बिना पर्ची दिए। --- वर्जन --- वंदे भारत एक्सप्रेस से कटरा जा रहा हूं। स्टेशन पर इतनी भीड़ है कि मेरी कैब को अंदर आने में 40 मिनट लग गए। सामान अधिक है, ऐसे में अकेले इतनी दूर तक जाने में काफी परेशानी हो रही है। व्यवस्था को सुधारना चाहिए। -यश रावत, यात्री ----- कैब चालकों ने रास्ता बंद कर दिया है। कोई रोकने वाला नहीं है। जब से पार्किंग टेंडर खत्म हुआ है, तब से यहां अव्यवस्था फैल गई है। यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। -रमेश कुमार झा, टैक्सी चालक रेलवे स्टेशन पर बैरिकेड पार्किंग के लिए एक बार फिर टेंडर निकाला जा रहा है। आरपीएफ और रेलवे कर्मचारियों को व्यवस्था बेहतर करने के निर्देश दिए गए हैं। पार्किंग में अवैध वसूली की शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। - हिमांशु शेखर उपाध्याय, सीपीआरओ, उत्तर रेलवे
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