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सीबीआई ने अंतर्राष्ट्रीय साइबर वसूली सिंडिकेट पर शिकंजा कसा

सीबीआई ने अंतर्राष्ट्रीय साइबर वसूली मामले में अहमदाबाद और मुंबई में छापा मारा। मुख्य संदिग्ध प्रिंस जसवंतलाल आनंद को मुंबई से 26 जून को गिरफ्तार किया गया। आरोपी पर विदेशी नागरिकों को धोखा देने का...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 27 June 2025 07:53 PM
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सीबीआई ने अंतर्राष्ट्रीय साइबर वसूली सिंडिकेट पर शिकंजा कसा

सीबीआई ने अंतर्राष्ट्रीय साइबर वसूली मामले में अहमदाबाद और मुंबई में कई स्थानों पर छापा मारा। तलाशी में अपराध से संबंधित कई अहम सबूत मिले। सीबीआई अधिकारी ने बताया कि मामले में मुख्य संदिग्ध को 26 जून को मुंबई से गिरफ्तार किया गया। तलाशी अभियान 25 जून को चलाया गया था। गिरफ्तार आरोपी का नाम प्रिंस जसवंतलाल आनंद है। यह कार्रवाई ऑपरेशन चक्र-V के तहत की गई है। आरोपी को सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया है और पूछताछ के लिए 4 दिन की रिमांड पर लिया गया है। यह मामला एक अंतर्राष्ट्रीय धोखाधड़ी नेटवर्क से संबंधित है जो विदेशी नागरिकों, विशेष रूप से अमेरिका और कनाडा के नागरिकों को धोखा देता है।

खुद को सरकारी अधिकारी बता कर झूठे आरोपों की धमकी देकर और बाद में धन उगाही करते थे और धोखा देते थे। जांच एजेंसी बताया कि यह गिरोह बहुत बड़ा है और अपराध की आय क्रिप्टो मुद्रा के रूप में मिली है। कार्रवाई के दौरान सुव्यवस्थित तंत्र पाया गया सीबीआई ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान, आरोपी के पास से साइबर धोखाधड़ी में इस्तेमाल किया जाने वाला एक सुव्यवस्थित तंत्र पाया गया। जिसमें दूरसंचार सेटअप, पहले से तैयार घोटाले की स्क्रिप्ट, जाली पहचान बैज और कनाडाई कानून प्रवर्तन अधिकारियों के होने का दावा करने वाले आईडी कार्ड शामिल थे। आरोपी की आलीशान जीवन शैली इसके अलावा, आरोपी के कब्जे से लगभग 45,000 अमेरिकी डॉलर की वर्चुअल डिजिटल संपत्ति जब्त की गई। आरोपी एक आलीशान जीवन शैली जी रहा था। उसके पास से कई लग्जरी वाहन, हाई-एंड एक्सेसरीज बरामद हुई है। उसकी लगातार विदेश यात्राओं और बेहिसाब संपत्ति का भी पता चला है। सरकारी एजेंसियों की तरह कार्य करते थे यूनाइटेड स्टेट्स फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (एफसीसी) ने पहले आरोपी द्वारा संचालित ‘रॉयल टाइगर गैंग की पहचान एक महत्वपूर्ण उपभोक्ता संचार सूचना सेवा खतरे (सी-सीआईएसटी) के रूप में की थी। गिरोह पर सरकारी एजेंसियों, बैंकों और उपयोगिता सेवा प्रदाताओं की तरह कार्य करने का आरोप है। जिसका उद्देश्य अमेरिकी उपभोक्ताओं को धोखा देना है।

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