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ब्यूरो--यूपी, उत्तराखंड के लिए अहम---साइबर अपराधियों पर सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, 42 स्थानों पर छापे

नंबर गेम 09 आरोपी को किया गया गिरफ्तार 42 स्थानों पर ली गई तलाशी

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 26 June 2025 09:35 PM
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ब्यूरो--यूपी, उत्तराखंड के लिए अहम---साइबर अपराधियों पर सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, 42 स्थानों पर छापे

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। सीबीआई ने साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट से निपटने के लिए चल रही कार्रवाई के क्रम में म्यूल खातों पर कड़ी नकेल कसने की बड़ी कवायद की है। म्यूल अकाउंट वे बैंक खाते होते हैं, जिनका इस्तेमाल साइबर अपराधी ठगी के पैसों को ट्रांसफर करने के लिए करते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी और सत्यापन के बाद कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने ऑपरेशन चक्र-5 के तहत पांच राज्यों राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में 42 स्थानों पर तलाशी ली है। पीड़ितों के खातों से साइबर धोखाधड़ी और डिजिटल अरेस्ट, धोखाधड़ी वाले विज्ञापन, निवेश धोखाधड़ी और यूपीआई-आधारित वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित कई साक्ष्य मिले हैं।

इस दौरान नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बैंक अधिकारियों की मिलीभगत सीबीआई का कहना है कि साइबर धोखाधड़ी करने वालों को कुछ बैंक अधिकारियों, एजेंटों, एग्रीगेटर्स, बैंक करेस्पोंडेंट, बिचौलिए और ई-मित्रों की मदद मिल रही है। ये लोग म्यूल खाते खोलने और निकासी करने में मदद कर रहे हैं। सीबीआई ने शुरू में म्यूल खाते खोलने की पूरी साजिश, बैंकरों और बिचौलियों की भूमिका का पता लगाने और मौजूदा बैंक के नियमों और दिशानिर्देशों को समझने के लिए एक मामला दर्ज किया है। इस मामले में व्यापक जांच की जा रही है। सात सौ शाखाओं में हैं खाते जांच में पता चला है कि देशभर में विभिन्न बैंकों की 700 से अधिक शाखाओं ने लगभग 8.5 लाख म्यूल खाते खोले हैं। ये खाते उचित केवाईसी के बिना खोले गए हैं। संबंधित बैंकों के शाखा प्रबंधक सिस्टम द्वारा उत्पन्न कुछ संदिग्ध लेनदेन अलर्ट के संबंध में कार्रवाई करने में भी विफल रहे हैं। कुछ बैंक खाताधारकों के पते को अप्रत्यक्ष रूप से सत्यापित करने के लिए ग्राहकों को पावती/धन्यवाद पत्र भेजने में भी विफल रहे हैं। एक प्राथमिकी दर्ज आरबीआई मास्टर सर्कुलर के माध्यम से जारी दिशानिर्देशों और बैंकों द्वारा जारी कुछ आंतरिक दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन किया गया है। इसलिए, आईपीसी/बीएनएस के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी, जाली दस्तावेजों को वास्तविक के रूप में उपयोग करने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत बैंक अधिकारियों द्वारा आपराधिक कदाचार के अपराध के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। कई दस्तावेज जब्त तलाशी के दौरान, कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य, मोबाइल फोन, बैंक खाता खोलने के दस्तावेज, लेन-देन विवरण, केवाईसी दस्तावेज जब्त किए गए हैं। म्यूल बैंक खाता खोलने में शामिल बिचौलियों सहित कई संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की गई है। यह कार्रवाई साइबर अपराधों और इसे अंजाम दे रहे अपराधियों से सख्ती से निपटने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।

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