केदारनाथ रजिस्ट्रेशन के नाम पर तीन लाख रुपये की ठगी
नई दिल्ली में एक महिला से केदारनाथ यात्रा पैकेज के नाम पर 3,37,539 रुपये ठगे गए। जालसाजों ने उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड और आईआरसीटीसी हेलीपैड सर्विस का फर्जी पेज बनाया। महिला ने इंस्टाग्राम पर...

नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। सोशल मीडिया पर केदारनाथ यात्रा से जुड़े पैकेज देखकर यदि आप बुकिंग की योजना बना रहे हैं, तो सावधान हो जाएं। अच्छे से जांच-पड़ताल के बाद ही बुकिंग करें, वरना अपने रुपये गंवा सकते हैं। साइबर ठगों ने उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड और आईआरसीटीसी हेलीपैड सर्विस का फर्जी पेज बना रखा है। इसकी मदद से जालसाज लोगों से ठगी कर रहे हैं। दक्षिणी दिल्ली साइबर थाना पुलिस को ठगी की ऐसी ही एक शिकायत मिली है। जालसाजों ने एक महिला से केदारनाथ यात्रा पैकेज के नाम पर 3,37,539 रुपये ठग लिए। महिला की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़िता अंशी गुप्ता परिवार के साथ महरौली इलाके में रहती हैं। अंशी ने पुलिस को बताया कि 7 मई को उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पेज देखा। यह पेज उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड और आईआरसीटीसी हेलीपैड सर्विस के नाम से था। पीड़िता ने इस पेज पर जाकर केदारनाथ जाने की जानकारी मांगी। इसके बाद उसके पास फोन आया और बातचीत शुरू हुई। बात करने वालों ने अपना नाम आकाश और पंकज बताया। दोनों ने केदारनाथ जाने के लिए छह लोगों का खर्च एक लाख पांच हजार रुपये बताए। इस पर पीड़िता ने अपने बैंक खाते से उन्हें रकम ट्रांसफर कर दी। इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन के नाम दो लाख से ज्यादा ऐंठे पीड़िता के मुताबिक, यात्रा बुकिंग के बाद आरोपियों ने मेडिकल इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन और अन्य कई खर्च बताकर पीड़िता से 2,32,539 रुपये और ठग लिए। आरोपियों ने कहा कि करीब 35 हजार रुपये यात्रा खत्म होने के बाद वापस मिल जाएंगे। हालांकि, इसके लिए टीडीएस के करीब 15 हजार 400 रुपये देने होंगे। पीड़िता ने यह रकम देने से इनकार कर दिया। जिस पर आरोपियों ने उन्हें ब्लॉक कर दिया। ठगी का अहसास होने पर पीड़िता ने अपनी बहन को पूरी बात बताई। जिसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई। सरकारी कंपनियों के नाम से बने हैं हजारों पेज पीड़िता ने शिकायत में बताया कि उन्होंने उत्तराखंड टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड और आईआरसीटीसी हेलीपैड सर्विस के पेज से बुकिंग की थी, जो बिल्कुल सरकारी वेबसाइट व पेज की तरह ही है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में धार्मिक संस्थान और उनके बोर्ड के नाम पर पेज बनाए गए हैं। जिसमें बड़ी संख्या में उत्तराखंड के चार धाम, वैष्णो देवी, बालाजी धाम, मथुरा-वृंदावन के पेज शामिल हैं।
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