दिल्ली एयरपोर्ट पर ईरानी महिला ने अमेरिकी शख्स को ठगा,लगाया 700 USD का चूना
फातिमा अकबरी ने अपने पति मोज्तबा जोल्फगारी और अपने बच्चे के साथ मिलकर कथित तौर पर बलदेव सिंह से संपर्क किया और करेंसी बदल ली। पुलिस ने बताया कि तेहरान की रहने वाली अकबरी को दक्षिण दिल्ली के साकेत स्थित एक गेस्ट हाउस से पकड़ा गया,जबकि उसका पति अभी भी फरार है।

दिल्ली एयरपोर्ट पर आज एक ईरानी महिला ने एक अमेरिकी बुजुर्ग को ठग लिया। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे पर 70 वर्षीय अमेरिकी नागरिक को अमेरिकी करेंसी दिखाने के बहाने 700 अमेरिकी डॉलर ठगने के आरोप में एक 52 वर्षीय ईरानी महिला को गिरफ्तार किया गया है। फातिमा अकबरी ने अपने पति मोज्तबा जोल्फगारी और अपने बच्चे के साथ मिलकर कथित तौर पर बलदेव सिंह से संपर्क किया और करेंसी बदल ली। पुलिस ने बताया कि तेहरान की रहने वाली अकबरी को दक्षिण दिल्ली के साकेत स्थित एक गेस्ट हाउस से पकड़ा गया,जबकि उसका पति अभी भी फरार है। यह दंपति कथित तौर पर संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) के दर्जे के तहत भारत में रह रहा था।
यह घटना 20 जून की रात को आईजीआई (IGI) हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 के डिपार्चर गेट नंबर 7 के पास हुई। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (आईजीआई हवाई अड्डा) उषा रंगनानी ने एक बयान में बताया,"शिकायतकर्ता बलदेव सिंह पंजाब के मूल निवासी हैं और अब अमेरिका में बस गए हैं। उन्होंनने आरोप लगाया कि जब वह हवाई अड्डे के शटल से अपना सामान उतार रहे थे,तभी आरोपी दंपति और एक बच्चा उनके पास आए और उनसे सामान्य बातचीत करने लगे।"
आरोप है कि दंपति ने बलदेव सिंह से अपने बच्चे को रुपये का नोट दिखाने का अनुरोध किया। सिंह ने बात मान ली और 50 रुपये का नोट दे दिया। फिर उन्होंने सिंह से कुछ अमेरिकी डॉलर दिखाने को कहा। उन पर भरोसा करते हुए सिंह ने दिखाने के लिए नौ, 100-डॉलर के नोट निकाले। आरोप है कि दंपति ने नोटों को बच्चे को दिखाने के बहाने ले लिया और बदले में उसी तरह का एक बंडल वापस कर दिया।
अमेरिकी नागरिक बलदेव सिंह को बाद में पता चला कि उनके असली नोट बदल दिए गए थे। उन्हें जो बंडल वापस मिला था,उसमें कथित तौर पर ऊपर और नीचे असली 100 अमेरिकी डॉलर के नोट थे,लेकिन उनके बीच 500 रुपये के पाँच भारतीय नोट थे। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज की और दंपति को पकड़ने के लिए कई टीमें बनाईं। पुलिस ने बताया कि जांच में हवाई अड्डे के कई कैमरों से सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए,संदिग्धों के रास्ते का पता लगाया गया और अपराध में इस्तेमाल किए गए वाहन की पहचान की गई।
कार का रजिस्ट्रेशन बीना नाम की एक महिला के नाम पर मिला,जो विकासपुरी में सीआरपीएफ (CRPF) में तैनात हैं। आगे की जांच से पता चला कि उनके पति,परम सिंह ने फरवरी में ईरानी परिवार को यह कार किराए पर दी थी। हालांकि,दिया गया संपर्क नंबर बंद पाया गया,लेकिन जीपीएस (GPS) ट्रैकिंग से पता चला कि वाहन साकेत में था।
साकेत के एक गेस्ट हाउस में छापा मारा गया,जहां अकबरी को पकड़ लिया गया,जबकि उसका पति भागने में कामयाब रहा। अतिरिक्त सीपी ने कहा,"फातिमा ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है और बताया कि वह और उसका पति अपने बच्चे के साथ बातचीत करने के बहाने बुजुर्गों या विदेशी यात्रियों को निशाना बनाते थे। यह जोड़ा मुख्य रूप से कनॉट प्लेस,लाजपत नगर,खान मार्केट और आईजीआई हवाई अड्डे जैसे इलाकों में सक्रिय था।"
अकबरी ने यह भी बताया कि उसका पति कथित तौर पर पहले भी लाजपत नगर,आरके पुरम,वसंत कुंज और यहां तक कि गुरुग्राम सहित विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज इसी तरह के मामलों में शामिल रहा है। पुलिस ने कहा कि अकबरी के पति का पता लगाने के प्रयास जारी हैं और मामले की जाँच भी चल रही है।