दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़, आरोपियों से कई करोड़ के कछुए बरामद
अधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपी दिल्ली और अन्य जगहों पर संरक्षित वन्यजीव प्रजातियों की अवैध सप्लाई और वितरण में शामिल थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आरोपियों से बरामद कछुए और पत्थर की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई करोड़ रुपए है।

दिल्ली में प्रतिबंधित वन्यजीवों की तस्करी में शामिल एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए उनके पास से 22 जीवित नवजात कछुए और दो बड़े कोरल रीफ पत्थर बरामद किए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिनकी कीमत कई करोड़ रुपए है। पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई शनिवार को शहर के रोहिणी इलाके के सेक्टर 3 में की गई। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रोहिणी के सेक्टर 3 में रहने वाले वन्यजीव डीलर अजय कुमार (53) और प्रहलादपुर के सप्लायर वेद प्रकाश (49) के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1990 के तहत मामला दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
उधर इस बारे में जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, '25 और 26 जून की मध्य रात्रि को क्षेत्र में वन्यजीवों के अवैध व्यापार के बारे में विशेष जानकारी मिली थी। जिसके बाद तस्करों के एक संदिग्ध ठिकाने पर छापा मारा गया और अभियान के दौरान अजय कुमार और वेग प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के परिसर की तलाशी में 22 जीवित शिशु कछुए और दो बड़े कोरल रीफ पत्थर बरामद हुए, जो वन्यजीव कानूनों के तहत संरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 39, 50 और 51 तथा पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया।'
अधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपी दिल्ली और संभवतः अन्य जगहों पर संरक्षित वन्यजीव प्रजातियों की अवैध सप्लाई और वितरण में शामिल थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आरोपियों से बरामद वस्तुओं की कीमत अंतरराष्ट्रीय काला बाजार में कई करोड़ रुपए है।
अधिकारी ने बताया कि कछुओं की तस्करी वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करके की गई थी। उन्होंने बताया कि इस तस्करी गिरोह के बड़े नेटवर्क का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है। अधिकारियों को शक है कि दोनों एक व्यापक सीमा पार संगठन का हिस्सा हैं। जब्त किए गए नवजात कछुओं को सुरक्षित अभिरक्षा और पुनर्वास के लिए वन्यजीव विभाग को सौंप दिया गया है।