ड्रग्स से करोड़ों कमाकर भेजते थे नाइजीरिया,गुरुग्राम में इस गैंग का निकला हवाला कनेक्शन
पुलिस के मुताबिक ये आरोपी पिछले तीन साल से दिल्ली के महरौली इलाके में सक्रिय थे और वहीं से अपने गोरखधंधे को अंजाम दे रहे थे। ड्रग्स बेचकर कमाए गए अकूत धन को ठिकाने लगाने के लिए उन्होंने कई नेटवर्क बनाए थे।

दिल्ली-एनसीआर में ड्रग्स का कारोबार एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार जो सच्चाई सामने आई है,वह चौंकाने वाली है। गुरुग्राम पुलिस की तरफ से पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में पता चला कि इन आरोपियों ने न सिर्फ करोड़ों रुपये की ड्रग्स बेची, बल्कि इस काले धन को हवाला के जरिए नाइजीरिया भेजने का भी एक संगठित नेटवर्क तैयार कर रखा था।
पुलिस के मुताबिक ये आरोपी पिछले तीन साल से दिल्ली के महरौली इलाके में सक्रिय थे और वहीं से अपने गोरखधंधे को अंजाम दे रहे थे। ड्रग्स बेचकर कमाए गए अकूत धन को ठिकाने लगाने के लिए उन्होंने कई नेटवर्क बनाए थे। यह पैसा भारतीय सीमा से बाहर, सीधे नाइजीरिया भेजा जाता था, जो दर्शाता है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा हो सकता है।
जेल से बाहर आने से बाद भी नहीं सुधरे
एक और चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि इस गिरोह के कई सदस्य और उनके दोस्त दिल्ली-एनसीआर की विभिन्न जेलों में बंद हैं। दुखद बात यह है कि जेल से बाहर आने के बाद भी वे सुधरने का नाम नहीं लेते और दोबारा इसी धंधे में कूद पड़ते हैं। यह एक दुष्चक्र है जहां अपराधी जेल से निकलकर फिर से उसी अपराध में संलिप्त हो जाते हैं, जिससे समाज में ड्रग्स का प्रसार और भी खतरनाक रूप ले लेता है। यह स्थिति जेल सुधारों और अपराधियों के पुनर्वास कार्यक्रमों पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है।
90 फीसदी ड्रग्स को नेपाल भेजा जा रहा था
इस फैक्टरी में तैयार होने वाली ड्रग्स का 90 फीसदी हिस्सा डार्क वेब के जरिए पड़ोसी देश नेपाल भेजा जा रहा था। शेष 10 फीसदी ड्रग्स दिल्ली और एनसीआर के उच्च वर्ग के ग्राहकों को बेची जाती थी। वे हर सप्ताह अपने फोन नंबर बदल देते थे और हर बार नए नंबर से अपने ग्राहकों और सप्लायरों से संपर्क करते थे,ताकि उनकी लोकेशन और पहचान ट्रैक न हो सके। संवाद के एन्क्रिप्टेड ऐप का इस्तेमाल होता था।
आरोपी खुद ही ड्रग्स को तैयार कर बेच रहे थे
पुलिस को यह भी पता चला है कि ये आरोपी केवल ड्रग्स की तस्करी नहीं करते थे, बल्कि खुद ही ड्रग्स तैयार करने के बाद उसकी सप्लाई करते थे। यह बताता है कि इनका नेटवर्क कितना गहरा और संगठित था। खुद ड्रग्स तैयार करना और फिर उसे बेचना, यह दर्शाता है कि वे इस धंधे में पूरी तरह से लिप्त थे और हर स्तर पर सक्रिय थे।
जल्द पूरे सिंडिकेट का भंडाफोड़ होगा
गुरुग्राम पुलिस को इस मामले में आरोपियों के अन्य ठिकानों के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। यह संकेत देता है कि यह सिर्फ एक छोटा गिरोह नहीं, बल्कि एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा है जिसके तार कई जगहों से जुड़े हो सकते हैं। पुलिस अब इन नई जानकारियों के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही इस पूरे सिंडिकेट का भंडाफोड़ होगा।
फैक्टरी चलाने वाली सभी आरोपी विदेशी
दिल्ली के पॉश इलाके महरौली में पिछले तीन सालों से अवैध ड्रग्स फैक्टरी का संचालन हो रहा था, जिसका गुरुग्राम पुलिस की अपराध शाखा सेक्टर-43 ने पर्दाफाश किया। यह फैक्टरी न केवल दिल्ली-एनसीआर में ड्रग्स की आपूर्ति कर रही थी, बल्कि इसका सबसे बड़ा नेटवर्क नेपाल तक फैला हुआ था। फैक्टरी का संचालन करने वाले सभी आरोपी नाइजीरिया के रहने वाले है।