गुरुग्राम में 5 साल में दर्ज रेप के 43% केस निकले झूठे, कई महिलाओं पर ऐक्शन; RTI से खुलासा
दिल्ली से सटे गुरुग्राम में दुष्कर्म के मामलों को लेकर एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। एक आरटीआई से पता चला है कि पिछले पांच सालों में दर्ज कराए गए दुष्कर्म के 43.6% मामले पुलिस की जांच में झूठे पाए गए।

दिल्ली से सटे गुरुग्राम में दुष्कर्म के मामलों को लेकर एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) से पता चला है कि पिछले पांच सालों में दर्ज कराए गए दुष्कर्म के 43.6% मामले पुलिस की जांच में झूठे पाए गए। पुलिस द्वारा झूठा मामला दर्ज करवाने वाली कई महिलाओं के खिलाफ 182 के तहत कार्रवाई भी की गई।
आरटीआई एक्टिविस्ट दीपिका नारायण भारद्वाज द्वारा लगाई गई आरटीआई पर मिले जवाब में बताया गया है कि 1 जनवरी 2020 से 18 दिसंबर 2024 तक गुरुग्राम पुलिस में दुष्कर्म के कुल 955 मामले दर्ज हुए। इनमें से 417 मामले (यानी 43.6%) सीधे तौर पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने की शिकायत पर आधारित थे। इसका मतलब है कि ऐसे मामलों में लड़का-लड़की पहले अपनी मर्जी से संबंध बनाते हैं, लेकिन बाद में शादी नहीं होने पर लड़की दुष्कर्म का आरोप लगा देती है।
417 मामलों में जांच करते हुए 236 एफआईआर में पुलिस को पीड़ित पक्ष के द्वारा लगाए गए आरोपों का कोई भी साक्ष्य नहीं मिला। ऐसे में पुलिस ने सभी मामलों को रद्द करने की सिफारिश की। कथित तौर पर झूठे आरोप लगाकर मामला दर्ज करवाया गया था। पुलिस द्वारा 96 मामलों में झूठा केस दर्ज करवाने वाली महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसमें छह माह तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
अदालत और पुलिस पर बढ़ता है बोझ
वरिष्ठ वकील मनीष शांडिल्य ने कहां जब इतने सारे झूठे मामले दर्ज होते हैं, तो इससे पुलिस और अदालतों पर फालतू का बोझ पड़ता है। इससे न्याय प्रणाली के संसाधन बर्बाद होते हैं और असली यौन हिंसा के शिकार लोगों को न्याय मिलने में देरी होती है। कई बार तो मामलों को भी गंभीरता से नहीं देखा जाता। न्याय की पूरी प्रक्रिया कमजोर होती है।