नगर परिषद बनने के दस साल बाद स्थाई कूड़ा केंद्र नहीं बना
सोहना, संवाददाता। नगर परिषद प्रशासन बीते 10 वर्षों में अपना स्थाई कूड़ा केन्द्र नहीं बना पाया है। आबादी क्षेत्र में बना अस्थाई कूड़ा केन्द्र पर सवालिया

सोहना। नगर परिषद प्रशासन बीते 10 वर्षों में अपना स्थाई कूड़ा केन्द्र नहीं बना पाया है। आबादी क्षेत्र में बना अस्थाई कूड़ा केन्द्र पर सवालिया निशान लग रहे है। वहीं एनजीटी ने कूड़ा केन्द्र को आबादी क्षेत्र से बाहर बनाने को लेकर नगर परिषद के अधिकारियों से कई बार जवाब मांग चुका है। वर्ष 2014 में स्थानीय नगर पालिका को नगर परिषद का दर्जा मिला था। उस समय नगर पालिका के 15 वार्डों की संख्या बढ़ाते हुए 21 कर दिया गया था। इसमें 13 गांवों को मिलाकर करीब 50 हजार की आबादी थी। 10 वर्ष बीत जाने के बाद अब नगर परिषद की आबादी करीब 65 हजार पहुंच गई है।
लेकिन नगर परिषद आज तक स्थाई कूड़ा केन्द्र नहीं बना पाई है। 21 वार्डो में स्थान तलाश नहीं कर पाए हैं। जहां पर स्थाई कूड़ा केन्द्र बनाया जा सके। जिसको लेकर नगर परिषद सदन की होने वाली बैठकों में भी उक्त प्रस्ताव कई बार रखा गया। लेकिन हर बार प्रस्ताव को पारित करने के उद्देश्य से अधिकारी सदन में ऐसा स्थान तक नहीं बता पाते है। जहां पर स्थाई कूड़ा केन्द्र बनाने का समर्थन पार्षदों से लिया जा सके। इसी माह की 18 तारीख को हुई सदन की बैठक में पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड में कूड़ा केन्द्र बनाने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए जगह उपलब्ध न कराने के लिए साफ मना कर दिया। जिससे सदन में एक बार फिर आबादी क्षेत्र से बाहर कूड़ा केन्द्र बनाने के प्रस्ताव को रद्दी की टोकरी में डाल देना पड़ा। आबादी क्षेत्र में बना कूड़ा केन्द्र का विरोध: नगर परिषद के वार्ड 13 की पहाड़ कॉलोनी में अरावली पहाड़ी की तलहटी में बना अस्थाई कूड़ा केन्द्र का कड़ा विरोध हो रहा है। सदन की हुई बैठक में वार्ड 10, 11, 12 और 13 के पार्षदों ने अस्थाई कूड़ा केन्द्र को आबादी क्षेत्र से बाहर निकालने की मांग की है। इसके अलावा कूड़ा केन्द्र से मात्र 200 मीटर की दूरी पर चल रहा निरंकारी बाबा गुरबचन सिंह मैमोरियल कॉलेज प्रशासन की तरफ से कई बार एसडीएम को शिकायत देकर उक्त कूड़ा केन्द्र को समाप्त करने की मांग की गई थी। उक्त जमीन वन विभाग के सेक्शन 4/5 आती है। जिसमें हरियाली को बढ़ावा देना है। निरंकारी कॉलेज प्रबंधन द्वारा कई बार बरसात के मौसम में उक्त स्थान पर पौधारोपण किया गया। वन विभाग की तरफ से उक्त आवाज जिला उपायुक्त के दरबार में भी रखा गया। लेकिन कोई ठोस निर्णय आज तक नहीं निकल पाया है। एनजीटी का दबाव: वन विभाग की शिकायत पर एनजीटी ने नगर परिषद प्रशासन को वार्ड 13 में आबादी क्षेत्र से बाहर बनाने का दबाव पिछले कई सालों से बनाया गया है। एनजीटी कई बार इस मामले में जबाव मांग चुका है। लेकिन परिषद प्रशासन आज तक ठोस जबाव नहीं दिया। उक्त कूड़ा केन्द्र पर एक दिन में करीब 40 टन कूड़ा डाला जाता है। जबकि शनिवार व सोमवार को कूड़ा केन्द्र 40 से 45 टन तक पहुंच जाता है। कूड़ा केन्द्र को आबादी क्षेत्र से बाहर बनाने को लेकर अभी तक पार्षद सहमति नहीं हो पा रहे हैं। परिषद ने आबादी क्षेत्र से बाहर कूड़ा केन्द्र बनाने के लिए जमीन तलाशने की कवायद तेज कर दी है। सुमन लता-कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद सोहना
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