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कचरा उठाने के लिए दो महीनों के लिए नगर परिषद एजेंसी को देगा काम

सोहना,संवाददाता। सोहना नगर परिषद में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। वर्तमान एजेंसी का ठेका 30 जून को समाप्

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवTue, 24 June 2025 11:30 PM
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कचरा उठाने के लिए दो महीनों के लिए नगर परिषद एजेंसी को देगा काम

सोहना। सोहना नगर परिषद में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। वर्तमान एजेंसी का ठेका 30 जून को समाप्त हो रहा है, और नई स्थायी एजेंसी चुनने में कम से कम दो महीने का समय लगेगा। इस अंतरिम अवधि के लिए, नगर परिषद ने दो महीने का अस्थायी काम दूसरी एजेंसी को फैसला किया है, जिस पर 32 लाख खर्च किए जाएंगे। नगर परिषद सीमा क्षेत्र के 21 वार्डों में कूड़ा उठाने का काम वर्तमान में पूजा कंसल्टेशन एजेंसी कर रही है, जिसका कार्यकाल इसी महीने के अंत में खत्म हो रहा है। नई एजेंसी की तलाश के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और टेंडर 8 जुलाई को खोले जाएंगे।

चूंकि इस पूरी प्रक्रिया में लगभग दो महीने का समय लगने की संभावना है, इसलिए परिषद ने अस्थाई व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। कार्यकारी अधिकारी सुमन लता ने बताया कि इस दो महीने के ठेके में कितनी एजेंसियां शामिल होती हैं, यह तो समय ही बताएगा। बरसात में सफाई बनी चुनौती यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बरसात का मौसम दस्तक दे चुका है। नगर परिषद प्रशासन का कहना है कि बरसात में साफ-सफाई बनाए रखना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि कूड़े के ढेरों से बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही, कूड़ा नालियों और नालों में जलभराव का कारण बन सकता है, जिससे शहर में जलजमाव की समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए, बिना किसी व्यवधान के कूड़ा कलेक्शन जारी रखना प्राथमिकता है। वर्तमान एजेंसी पर पार्षदों का भारी विरोध अस्थायी ठेके को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि चर्चा है कि यह ठेका मौजूदा पूजा कंसल्टेशन एजेंसी को भी दिया जा सकता है। नगर परिषद के पार्षदों और स्थानीय नागरिकों द्वारा पूजा कंसल्टेशन एजेंसी को लंबे समय तक ठेका देने का कड़ा विरोध किया जा रहा है। उनका आरोप है कि एजेंसी के काम में भारी लापरवाही रही है। पिछले एक साल में नगर परिषद प्रशासन ने इस एजेंसी पर 3 से 4 बार जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा, परिषद के पार्षदों ने सदन की बैठकों में भी इस एजेंसी को फिर से ठेका दिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। पार्षदों का कहना है कि एजेंसी का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है और उन्हें फिर से काम देना शहर की सफाई व्यवस्था से समझौता होगा। अब देखना यह होगा कि 8 जुलाई को टेंडर खुलने के बाद क्या स्थिति बनती है और सोहना नगर परिषद किस एजेंसी को यह अस्थायी या स्थायी ठेका सौंपती है। शहर की सफाई व्यवस्था और नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए यह एक महत्वपूर्ण निर्णय होगा।

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