सीबीएसई छात्रों को अब राज्य खेलों में मौका नहीं मिलेगा
निराशा: -जिला से लेकर स्तर खेल प्रतियोगिता में छात्र नहीं ले पाएंगे -एसजीएफआई ने सीबीएसई छात्रों के रोक पर लिया है फैसला -गुरुग्राम जिले में 529 निजी

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) ने सीबीएसई छात्रों के रोक लगाने का फैसला लिया है। जिले में सीबीएसई स्कूलों के छात्र खिलाड़ियों के लिए परेशानी खड़ी हो गई। गुरुग्राम में 529 निजी स्कूलों में हजारों छात्र स्पर्धाओं में हिस्सा लेने से वंचित हो जाएंगे। यह छात्र राज्य सरकार के आयोजित ब्लाक, जिला, संभाग और राज्य स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। हालांकि सरकारी स्कूलों के छात्रों का एफजीएफआई स्पर्धाओं में खेलने का रास्ता खुल जाएगा। एक स्वतंत्र खेल इकाई के रूप में मान्यता दी है: शिक्षा विभाग के सहायक शिक्षा अधिकारी खेल जगदीश अहलावत ने कहा कि एसजीएफआई की ओर से सीबीएसई को एक स्वतंत्र खेल इकाई के रूप में मान्यता दी है।
एसजीएफआई ने सीबीएसई को 68वीं राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वतंत्र इकाई के रूप में शामिल किया था। उस समय सीबीएसई का खुद का खेल ढांचा पूरी तरह तैयार नहीं था। इसलिए राज्य सरकार ने छात्रों के हित में उन्हें अस्थाइ्र छूट दी थी। लेकिन अब सीबीएसई ने अपना स्वतंत्र खेल ढांचा तैयार करने के बाद यह फैसला लिया गया है। सत्र 2025-26 से यह नियम लागू हो जाएगा। इसका मतलब यह है कि अब सीबीएसई स्कूलों के खिलाड़ी राज्य स्तर पर अपने हुनर का प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। वे सीधे एसजीएफआई द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में ही भाग ले सकेंगे। लेकिन यह मंच बेहद सीमित अवसर देता है, जिससे कई खिलाड़ियों के भविष्य पर असर पड़ेगा। फैसला छात्रों के लिए सहीं नहीं है: गुरुग्राम के कई होनहार खिलाड़ी, जो पिछले वर्षों में जिला और संभाग स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं, अब इस बदलाव से प्रभावित होंगे। वे अब अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए केवल एसजीएफआई की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं पर निर्भर रहेंगे। खिलाड़ी लवन्या, प्रीति, दीपांशी, प्रीतम, अंशु ने कहा कि एसजीएफआई की ओर से लिया गया फैसला छात्रों के लिए सहीं नहीं है। इन्हीं छोटी-छोटी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर आगे बढ़ने का मौका होता है। वह भी छीना जा रहा है। छात्र राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में ले सकेंगे भाग: एसजीएपफआई की आधिकारिक वेबसाइट पर भी साफ तौर पर लिखा गया है कि सीबीएसई बोर्ड के छात्रों ने 2024-25 की प्रतियोगिता में स्वतंत्र रूप से भाग लिया और मेडल भी जीते। इसका मतलब है कि सीबीएसई अब एसजीएफआई की निगरानी में अपनी प्रतियोगिताएं आयोजित करने में सक्षम है। अब सीबीएसई बोर्ड के छात्र राज्य स्तरीय स्कूल खेलों में भाग नहीं ले पाएंगे। एसजीएफआई ने उन्हें स्वतंत्र इकाई माना है, जिससे अब वे सिर्फ राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में ही खेल सकेंगे। यह फैसला कई होनहार खिलाड़ियों को प्रभावित कर सकता है। सरकारी स्कूलों के छात्रों को फायदा होगा: खेल शिक्षक संदीप कुमार ने कहा कि एसजीएफआई का फैसला सरकारी स्कूलों के छात्रों को फायदा होगा। अब तक वह एसजीएफआई के स्पर्धाओं में हिस्सा नहीं ले पाते थे, अब उनके लिए यह रास्ता खुल गया हैं। लेकिन सीबीएसई के छात्रों के लिए रोकने का फैसला ठीक नहीं है। सभी छात्रों के लिए एक सामान नियम होने चाहिए।
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