मेयर ने मानेसर में स्ट्रीट वेंडिंग योजना का टेंडर रद्द करने के निर्देश दिए
गुरुग्राम के मानेसर नगर निगम के मेयर ने स्ट्रीट वेडिंग योजना के तहत एजेंसी के टेंडर को रद्द कर दिया है। एजेंसी पर आरोप है कि उसने तीन वर्षों में योजना को लागू नहीं किया और गलत तरीके से रेहड़ियां लगाने...

गुरुग्राम, वरिष्ठ संवाददाता। मानेसर नगर निगम के मेयर ने स्ट्रीट वेडिंग योजना के तहत मार्केट विकसित करने वाली एजेंसी के टेंडर को रद्द करने के निर्देश दिए हैं। एजेंसी पर तीन साल से योजना को सिरे नहीं चढ़ाने और गंभीरता से कार्य नहीं करने का आरोप लगा है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह वही एजेंसी है, जिसे पांच साल पहले गुरुग्राम नगर निगम में सात करोड़ रुपये का वित्तीय अनियमितता के आरोप में बाहर का रास्ता दिखाया गया था। अब चार साल से मानेसर निगम में यही एजेंसी स्ट्रीट वेंडिंग योजना को सिरे नहीं चढ़ा पाई है। मानेसर नगर निगम में स्ट्रीट वेंडिंग योजना का उद्देश्य रेहड़ी-पटरी वालों को व्यवस्थित और कानूनी रूप से काम करने के लिए जगह मुहैया कराना था, ताकि सड़कों पर अतिक्रमण और अव्यवस्था कम हो सके।
हालांकि, जिस एजेंसी को यह काम सौंपा गया था, उस पर आरोप है कि उसने योजना पर ईमानदारी से काम करने के बजाय गलत तरीके से रेहड़ियां लगाने की अनुमति दी, जिससे अव्यवस्था और भी बढ़ गई। पिछले चार सालों में यह योजना मानेसर में अपेक्षित परिणाम हासिल करने में पूरी तरह विफल रही है। अवैध अनुमति और नियमों का उल्लंघन सूत्रों के अनुसार, एजेंसी पर आरोप है कि उसने वेंडिंग ज़ोन (विक्रेता क्षेत्र) निर्धारित करने और वेंडरों को व्यवस्थित करने के नियमों का उल्लंघन किया। इसके बजाय, उसने मनमाने ढंग से उन जगहों पर रेहड़ियां लगाने की अनुमति दी जहां उन्हें नहीं होना चाहिए था, जिससे ट्रैफिक जाम और पैदल चलने वालों के लिए असुविधा जैसी समस्याएं उत्पन्न हुईं। इस तरह की अनियमितताओं ने योजना के मूल उद्देश्य को ही खत्म कर दिया। इस एजेंसी का पुराना रिकॉर्ड भी दागदार रहा है। इसे पहले गुरुग्राम नगर निगम में स्ट्रीट वेंडिंग योजना से संबंधित कार्यों में सात करोड़ रुपये के बड़े वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में निगम से बाहर कर दिया गया था। उस समय भी एजेंसी पर आरोप थे कि उसने वेंडरों के डेटा, स्थान आवंटन और शुल्क संग्रह में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं कीं। यह सवाल उठता है कि ऐसी विवादित एजेंसी को मानेसर निगम में दोबारा काम क्यों दिया गया। मेयर और पार्षदों की नाराजगी इस गंभीर अनियमितता को लेकर मेयर और सदन के पार्षदों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। तीन दिन पहले हुई सदन की बैठक में भी मेयर ने निगम अधिकारियों को एजेंसी के टेंडर रद्द करने की बात कही थी। अब फिर मेयर ने अधिकारियों को जल्द से जल्द एजेंसी के टेंडर को रद्द करके नई योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। 30 जगहों को किया गया था चिह्नित मानेसर नगर निगम क्षेत्र में 30 स्थानों पर स्ट्रीट वेंडिंग जोन बनाए जाने को लेकर 2023 में योजना बनाई थी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर आईएमटी क्षेत्र के 5-6 स्थानों को चिह्नित किया गया था, जिसमें 100 वेंडर्स को स्थान देने की योजना थी। नगर निगम वेंडर्स को लाइसेंस भी दिया जाना था। इस योजना के अंतर्गत सड़क किनारे लगने वाली रेहड़ियों के लिए अलग से स्थान चिह्नित किए जाएंगे। इससे न केवल शहर की सुंदरता बढ़ेगी बल्कि रेहड़ी आदि लगाकर आजीविका कमाने वाले लोगों को सुरक्षा भी मिलेगी। नगर निगम की ओर से वेंडिंग जोन बनाकर दिए जाएंगे जिन्हें टाइलें लगाकर पक्का किया जाएगा। इनमें शौचालय बनाए जाएंगे। इसी के साथ पीने के पानी, पार्किंग की व्यवस्था भी की जाएगी, लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। वित्तीय अनियमितताओं के कारण एजेंसी को किया था बाहर गुरुग्राम नगर निगम में स्ट्रीट वेंडिंग योजना में एजेंसी पर मुख्य आरोप वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी से संबंधित थे। एजेंसी पर लगभग 7 करोड़ रुपये के गबन का आरोप था। यह भी आरोप था कि एजेंसी ने वेंडरों से अवैध रूप से धन वसूला। नियमों के अनुसार निगम को उसका हिस्सा जमा नहीं किया। इसके अतिरिक्त, एजेंसी पर नियमों का उल्लंघन करते हुए गलत स्थानों पर रेहड़ियां लगाने की अनुमति देने का भी आरोप था, जिससे शहर में अराजकता और यातायात की समस्या बढ़ गई। परिणामस्वरूप, एजेंसी को गुरुग्राम नगर निगम से बाहर कर दिया गया था। निगम में अवैध और गलत काम करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी प्रकार की अनियमितता और लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह स्पष्ट संदेश है कि निगम प्रशासन अब इन मुद्दों पर कोई ढिलाई नहीं बरतेगा। - डॉ. इंद्रजीत यादव, मेयर, नगर निगम, मानेसर
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