गोल्फर रणवीर सिंह ने मकाऊ में स्वर्ण पदक जीता
गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। गुरुग्राम के 24 वर्षीय ऑटिस्टिक गोल्फर रणवीर सिंह सैनी ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। उन्होंने मकाऊ में 20 से 26 जून

गुरुग्राम। गुरुग्राम के 24 वर्षीय ऑटिस्टिक गोल्फर रणवीर सिंह सैनी ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। उन्होंने मकाऊ में 20 से 26 जून तक आयोजित गोल्फ मास्टर्स टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक और चैलेंजर्स लीग ट्रॉफी अपने नाम की। यह केवल एक जीत नहीं, बल्कि भारत के खेल इतिहास में एक गौरवपूर्ण अध्याय है। इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में दुनियाभर के 47 शीर्ष गोल्फर में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, यूनाइटेड किंगडम, थाईलैंड, फिनलैंड, न्यूजीलैंड, कोस्टा रिका और हांगकांग जैसे देशों के खिलाड़ी शामिल थे। मकाऊ की कठिन मौसम परिस्थितियों जैसे बारिश, गर्मी और उमसभरी जलवायु के बावजूद रणवीर ने अपने धैर्य, आत्मबल और शानदार कौशल का परिचय देते हुए भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता।
रणवीर सिंह का यह सफर केवल एक खिलाड़ी की जीत नहीं है, यह उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो न्यूरोडायवर्सिटी के साथ जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं। वे साबित करता है कि किसी भी प्रकार की मानसिक या शारीरिक बाधा इंसान की उड़ान को रोक नहीं सकती, यदि उसमें दृढ़ निश्चय और आत्म विश्वास हो। रणवीर को पहले भी कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, लेकिन 2024 में राष्ट्रपति की ओर से दिया गया राष्ट्रीय पुरस्कार उनके खेल और देश के प्रति योगदान की एक बड़ी पहचान है। रणवीर न सिर्फ एक चैंपियन गोल्फर हैं, बल्कि वह एक ऐतिहासिक व्यक्तित्व बन चुके हैं जो आने वाली पीढ़ियों के लिए आशा, साहस और सफलता की मिसाल हैं। उनके नाम के साथ जुड़ा हर पदक भारत के आत्मगौरव और समावेशी सोच की जीत है। रणवीर मानसिक रोग है ऑटिज्मः रणवीर सैनी यह एक मानसिक रोग है। इसके लक्षण जन्म से या बाल्यावस्था से ही नजर आने लगते हैं। जिन बच्चों में यह रोग होता है, उनका विकास अन्य बच्चों से असामान्य होता है। ऐसे बच्चे कमजोर हो सकते हैं। एक ही क्रिया, व्यवहार को दोहराते हैं, जैसे हाथ हिलाना, शरीर हिलाना और बिना मतलब की आवाजें करना आदि शामिल है। इस उपलब्धि लेकर रणवीर काफी उत्साहित हैं।
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