आपातकाल के दौरान लोगों के मौलिक अधिकारों का हुआ था हनन: अरुण सिंह
गाजियाबाद में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों के हनन पर चिंता जताई। कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि आपातकाल कांग्रेस की...

गाजियाबाद। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने कहा कि आपातकाल के दौरान देश के लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ था। आपातकाल कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का परिणाम था। भारतीय जनता पार्टी महानगर की ओर से कविनगर रामलीला मैदान के जानकी सभागार में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर “विचार गोष्ठी एवं लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान समारोह” का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि आपातकाल के दौरान देश के लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ था। भारतीय लोकतंत्र पर कांग्रेस की ओर से किया गया सबसे काला हमला था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सत्ता बचाने के लिए संविधान को ताक पर रख दिया। देश की जनता की आवाज दबा दी गई, मीडिया की स्वतंत्रता को कुचला गया और लाखों राष्ट्रभक्तों को जेलों में बंद किया गया। लेकिन लोकतंत्र सेनानियों की संघर्षशीलता और भाजपा जैसी वैचारिक शक्ति ने लोकतंत्र को फिर से स्थापित किया। उस समय कानून में संशोधन इंदिरा गांधी ने अपने स्वार्थ के लिए किए। उसके विपरीत वर्तमान प्रधानमंत्री ने कानून में संशोधन देश और गरीबों के हित में किए। इन संशोधनों का लाभ लोगों को सीधे तौर पर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी की सरकार आने के बाद देश विकसित श्रेणी की ओर अग्रसर है। आज भारत देश दुनिया के ताकतवर देशों की बगल में खड़ा है। उन्होंने ग्रेटर गाजियाबाद पर कहा कि भाजपा जो कहती है वह करती है। अब ग्रेटर गाजियाबाद के जरिए यहां के विकास को पंख लगेंगे। लोकतंत्र सेनानियों को शॉल ओढ़ाकर व प्रतीक चिह्न भेंट कर किया सम्मानित कार्यक्रम में विचार गोष्ठी के साथ ही लोकतंत्र सेनानियों को शॉल ओढ़ाकर व प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। ये सेनानी आपातकाल के दौरान जेलों में बंद रहकर अथवा भूमिगत होकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्षरत रहे। इस मौके पर पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक ने कहा कि आपातकाल कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का परिणाम था। यह केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं था, बल्कि यह देश के संविधान, न्यायपालिका, मीडिया और नागरिक अधिकारों पर सीधा हमला था। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा कि आज जब हम लोकतंत्र की मजबूती की बात करते हैं, तो हमें उन वीरो को कभी नहीं भूलना चाहिए जिन्होंने इसके लिए अत्याचार सहे। सांसद अतुल गर्ग ने कहा कि आपातकाल एक मानसिक आपदा थी, जिसे कांग्रेस ने जानबूझकर जनता पर थोपा था। भाजपा महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने कहा कि गाजियाबाद भाजपा लोकतंत्र सेनानियों के त्याग और संघर्ष को कभी नहीं भूलेगी। उनका सम्मान करना हम सभी का नैतिक दायित्व है। जिलाध्यक्ष चैन पाल सिंह ने कहा लोकतंत्र सेनानियों ने जो कीमत चुकाई, वह आज हमें संविधान और लोकतंत्र की असली अहमियत समझाती है। कार्यक्रम के अंत में “मॉक पार्लियामेंट”का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पूर्व महापौर आशु वर्मा, पूर्व महापौर आशा शर्मा, पूर्व विधायक कृष्णवीर सिरोही, विधायक संजीव शर्मा, एमएलसी दिनेश गोयल, सुरेश कश्यप, राजेश्वर प्रसाद, सरदार एसपी सिंह, रुचि गर्ग, तरुण शर्मा, मोनिका पंडिता, प्रियंका पांडे, प्रदीप चौधरी आदि मौजूद रहे।
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