गाजियाबाद शहर को 15 जोन में बांटकर होगा विकास, GDA का क्या है प्लान
गाजियाबाद शहर को 15 जोन में बांटकर विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके लिए जीडीए सलाहकार एजेंसी नियुक्त करेगा, जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एजेंसी नियुक्त होते ही शहर में योजनाबद्ध तरीके से जोनवार विकास कार्य होगा।

गाजियाबाद शहर को 15 जोन में बांटकर विकास कार्य कराए जाएंगे। इसके लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) सलाहकार एजेंसी नियुक्त करेगा, जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एजेंसी नियुक्त होते ही शहर में योजनाबद्ध तरीके से जोनवार विकास कार्य होगा। क्षेत्र में आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रोजेक्ट लाए जाएंगे।
जीडीए का वर्तमान दायरा 184 गांवों की 3,889 हेक्टेयर जमीन पर फैला है। इस क्षेत्रफल को प्राधिकरण ने 8 जोन में बांटा है, जिसमें प्राधिकरण की अभियंत्रण, संपत्ति और प्रवर्तन टीमें काम करती हैं। अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का दायरा बढ़ने वाला है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण अधिकारी बताते हैं कि महायोजना 2031 लागू होने से प्राधिकरण के क्षेत्र में भी विस्तार होगा। इसके साथ ही मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल के किनारे वाले 61 गांव भी प्राधिकरण दायरे में आएंगे। ऐसे में इस क्षेत्र को योजनाबद्ध तरीके से विकसित करना होगा।
इसी को देखते हुए प्राधिकरण ने सलाहकार एजेंसी नियुक्त करने की प्रक्रिया पर काम करना शुरू कर दिया है। अधिकारी बताते हैं कि सलाहकार एजेंसी नियुक्त होते ही पूरे क्षेत्र का सर्वे करेगी। फिर शहर को 15 जोन में बांटकर योजनाबद्ध तरीके से विकसित करने का प्लान तैयार करेगी। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारी बताते हैं कि प्राधिकरण के नए क्षेत्र में कई प्रोजेक्ट लाने की तैयारी है। ऐसे में सलाहकार एजेंसी सभी प्रोजेक्टों के लिए उचित जगह का चयन भी करेगी, ताकि इन प्रोजेक्ट से ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा हो सके।
रोजगार मिलेगा : प्राधिकरण प्रत्येक जोन में फ्लैट, मकान बनाने की योजना के साथ उद्योग को भी बढ़ावा देगा। ऐसा होने से गाजियाबाद में निवेश बढ़ेगा। साथ ही उद्यमी छोटे बड़े उद्योग लगाएंगे, जिससे रोजगार बढ़ने की भी संभावनाएं हैं।
हाईवे के किनारे ट्रांसपोर्ट नगर बनाया जाएगा
एजेंसी के सर्वे के बाद ट्रांसपोर्ट नगर, लॉजिस्टिक पार्क और वेयर हाउस भी बनेंगे। अधिकारी बताते हैं कि ये सभी दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे, एनएच नौ, दिल्ली मेरठ रोड के आसपास डासना, मुरादनगर, फतेहाबाद निठोरा (लोनी) व भोजपुर क्षेत्र में बनाए जा सकते हैं। इन्हें उन स्थानों पर बनाया जाएगा, जहां से कनेक्टिविटी सबसे बेहतर होगी। मालवाहक वाहनों को किसी तरह की दिक्कत न हो। अधिकारी बताते हैं कि इसके लिए एजेंसी को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए जाएंगे कि सर्वे के दौरान इन सभी बातों का विशेष ध्यान रखा जाए।
अतुल वत्स, उपाध्यक्ष, जीडीए, ''शहर का विकास कार्य 15 जोन में बांटकर किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही सलाहकार एजेंसी नियुक्त होगी। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एजेंसी पूरे क्षेत्र का सर्वे कर योजनाबद्ध तरीके से जोनवार विकास योजना तैयार करेगी।''