दसवीं कक्षा की छात्रा ने आत्महत्या की, प्रिंसिपल पर प्रताड़ना का आरोप
फरीदाबाद में दसवीं कक्षा की छात्रा ने प्रिंसिपल के प्रताड़ना के कारण आत्महत्या कर ली। छात्रा के पिता का आरोप है कि उसे पढाई में कमजोर होने पर बार-बार प्रताड़ित किया जाता था। घटना के समय घर पर उसकी छोटी...

फरीदाबाद, संवाददाता। दसवीं कक्षा की छात्रा ने पुलिस लाइन के अपने घर में गुरुवार दोपहर फंदा लगाकर जान दे दी। घटना के वक्त उसकी दो छोटी बहन घर मौजूद थी। बेटी की मौत के उनके परिजनों ने डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। छात्रा एक दलित परिवार की बेटी थी और उसकी मां फरीदाबाद के पल्ला थाना में एएसआई के पद पर तैनात है। पीड़ित परिवार की शिकायत पर पुलिस जांच कर रही है। पुलिस लाइन सेक्टर-30 में रहने वाली एएसआई सुनीता पल्ला थाना में तैनात है। वह अपने तीन बेटी और पति के साथ पुलिस लाइन में रहती है।
उनके पति नरेश कुमार सीनियर मेडिकल सहायक के रूप में एक निजी अस्पताल में कार्यरत है। सुनीता के मुताबिक उसकी बड़ी बेटी सुरुचि पुलिस लाइन सेक्टर-30 स्थित डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल में 10वीं कक्षा में पढ़ती थी। वह गुरुवार को स्कूल में टेस्ट देकर आई थी और दोपहर करीब एक बजे उसने अपने घर में आकर फंदा लगाकर जान दे दी। स्कूल प्रबंधन और उसकी प्रिसिंपल का पक्ष जानने के लिए स्कूल के लैंडलाइन फोन पर कॉल किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। --------- पढ़ाई में कमजोर होने पर प्रताड़ित करने का आरोप पीड़ित पिता नरेश कुमार का आरोप है कि उनकी बेटी सुरूचि को स्कूल की प्रिसिंपल आए दिन पढाई में कमजोर होने के चलते प्रताड़ित करती थी। उसे बार-बार यही कहा जा रहा था कि वह पढ़ाई में कमजोर है और दसवीं कक्षा से उसका नाम काटकर उसे नौवीं कक्षा में कर दिया जाएगा। इसी प्रताड़ना के चलते उनकी बेटी ने गले में फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। घटना की जानकारी उन्हें उस समय मिली जब वह घर पर रोजाना की तरह खाना खाने आए थे और उनकी पत्नी सुनीता पल्ला थाना में ड्यूटी पर थी। घर पर केवल दो छोटी बेटियां मौजूद थीं। --------------------- सुरुचि खो-खो की थी नेशनल स्तर की खिलाड़ी बेटी को खोने के बाद बेहाल एएसआई सुनीता का कहना था कि उसकी बेटी सुरूचि पढ़ाई में बेश्क कमजोर थी, लेकिन वह खो-खो बेहद शानदार खेलती थी। अब तक वह करीब 16 मेडल हासिल कर चुकी थी। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर सिल्वर मेडल भी जीता हुआ है। उसने अनेक बार स्कूल का नाम रोशन किया है। पिता का आरोप है कि स्कूल उनकी बेटी पहले अंडर 17 में खेलती थी, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उसे अंडर-14 का कैप्टन बना दिया। सुरुचि अपने साथ की खिलाड़ियों के साथ खेलना चाहती थी। उसने इस संदर्भ में अंडर-14 में खेलने से इंकार कर दिया। इस कारण उसे टीम से हटा दिया गया। जबकि सुरुचि ने प्रबंधन को भरोसा दिलाया था कि वह अंडर-17 में खेलकर अवश्य ही मेडल लेकर आएंगे। -------------------- पीड़ित परिवार ने डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल के खिलाफ बच्ची को प्रताड़ित करने की शिकायत मिली है। जिसके आधार पर जांच की जा रही है। फिलहाल पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। इस मामले में जो भी आरोपी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -राजेश, एसीपी सराय
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