गाजियाबाद : करोड़ों की फर्जी बीमा पॉलिसी बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश, करीब 1500 लोगों से की ठगी
गाजियाबाद की साइबर क्राइम पुलिस ने करीब डेढ़ हजार फर्जी जीवन बीमा और हेल्थ बीमा पॉलिसी बनाकर ठगी करने वाले गैंग का खुलासा किया है। पुलिस ने गैंग के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग अब तक लोगों से 4.5 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है।

गाजियाबाद की साइबर क्राइम पुलिस ने करीब डेढ़ हजार फर्जी जीवन बीमा और हेल्थ बीमा पॉलिसी बनाकर ठगी करने वाले गैंग का खुलासा किया है। पुलिस ने गैंग के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग अब तक लोगों से 4.5 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं कानून व्यवस्था आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी गोविंदपुरम के बालाजी एंक्लेव निवासी अमन अग्रवाल, दिल्ली के शास्त्री पार्क निवासी राहुल यादव, मसूरी निवासी आफताब आलम, हापुड़ के मुबारिकपुर निवासी राहुल शर्मा, बुलंदशहर के गैंदपुर शेखपुर निवासी दीपक, हापुड़ के कुचेसर रोड चौपला निवासी गर्वित त्यागी और पंजाब के सरदुलगढ़ निवासी जगजीत सिंह हैं। पकड़े गए आरोपियों में दो पूर्व में बीमा कंपनी में नौकरी करते थे।
नौकरी छोड़ने के दौरान कंपनी से पॉलिसी धारकों का डेटा चोरी कर लिया और फिर गैंग बनाकर उन्हीं धारकों को कॉल कर बीमा पॉलिसी रिन्यू कराने या अधिक लाभ बताकर नई बीमा पॉलिसी कराने का झांसा देकर फर्जी बीमा पॉलिसी करते थे। सॉफ्टवेयर से फर्जी रसीद और बीमा पॉलिसी बनाकर धारकों को दे देते थे। 1500 फर्जी बीमा पॉलिसी बनाकर साढ़े चार करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। इनके पकड़े जाने पर चार राज्यों की नौ घटनाओं का खुलासा हुआ है। गिरोह में निशांत त्यागी, विलास, गणेश और भूपेश के नाम भी सामने आए हैं, उनकी तलाश के लिए टीमें लगी हैं।
अलग-अलग राज्यों के लोगों से की ठगी
अपर पुलिस उपायुक्त अपराध पीयूष सिंह ने बताया कि जालसाजों के पास से बरामद मोबाइल फोन व अन्य सामान से स्पष्ट हुआ कि शातिरों ने देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों के साथ ठगी की है। इनके पकड़े जाने पर चार राज्यों की नौ घटनाओं का खुलासा हुआ है। प्रतापगढ़ के विजेंद्र कुमार पटेल, झांसी के हरिओम, गुजरात स्थित जामनगर के प्रमोद, अहमदाबाद के हसमुख भाई, कच्छ पूर्वी के मनसुखभाई, कर्नाटक के सिंधु श्री टीके से ठगी की थी।
नकदी और लग्जरी कार बरामद
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं कानून व्यवस्था आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि शातिरों के पास से 26 मोबाइल, 14 डेबिट कार्ड, एक लाख 98 हजार नकद, दो लग्जरी कार बरामद की हैं। इसके अलावा शातिरों के मोबाइल फोन से उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखण्ड, वेस्ट बंगाल, राजस्थान, गुजरात, नई दिल्ली आदि प्रदेशों के जनपदों में लोगों के साथ की गई धोखाधड़ी की भी जानकारी मिली है।
नौकरी के दौरान पॉलिसी धारकों की जानकारी मिली थी
पूछताछ में अमन अग्रवाल ने बताया कि 2021 में वह नोएडा में एचएएक्सएआर नामक कंपनी में नौकरी करता था। इस कंपनी में कई बीमा पॉलिसी कंपनी की जीवन और हेल्थ बीमा पॉलिसी का अधिकृत केंद्र था। लोगों को पॉलिसी संबंधी जानकारी दी जाती थी। यहां राहुल शर्मा भी काम करता था। कंपनी में नौकरी करने के दौरान उनके पास पॉलिसी धारकों की निजी जानकारी मिल गई। कुछ समय बाद दोनों ने नौकरी छोड़ दी और फिर अपने साथी राहुल यादव, आफताब, दीपक, जगजीत और गर्वित के साथ मिलकर गिरोह बना लिया।