द्वारका एक्सप्रेसवे पर स्पीड मत पकड़िएगा; कैमरे रख रहे नजर, तुरंत कट जाएगा चालान
एनएचएआई ने उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली (ATMS) के तहत द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली-जयपुर हाईवे पर 190 सीसीटीवी कैमरों को लगाया है। इस परियोजना पर एनएचएआई की तरफ से नियुक्त कंपनी दिल्ली और गुरुग्राम पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है।

द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली-जयपुर हाईवे (NH-48) पर निर्धारित गति से अधिक रफ्तार से वाहन चलाने वालों का चालान अब सीसीटीवी कैमरों की मदद से कटेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की तरफ से एकीकृत यातायात कमांड एवं नियंत्रण केंद्र का ट्रायल चल रहा है। अगले 15 दिन में ट्रायल पूरा हो जाएगा। अभी ट्रैफिक पुलिस मौजूद रहती है।
एनएचएआई ने उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली (ATMS) के तहत द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली-जयपुर हाईवे पर 190 सीसीटीवी कैमरों को लगाया है। इस परियोजना पर एनएचएआई की तरफ से नियुक्त कंपनी दिल्ली और गुरुग्राम पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है। ट्रायल पूरा होने के बाद तेज रफ्तार वाहनों की जानकारी दिल्ली और गुरुग्राम पुलिस को अलग-अलग भेजी जाएगी।
ट्रायल के दौरान सामने आया है कि द्वारका एक्सप्रेसवे पर रोजाना 200 से अधिक वाहन निर्धारित गति से तेज वाहन दौड़ा रहे हैं। इससे सड़क हादसा होने का डर बना रहता है। एटीएमएस के तहत दिल्ली-जयपुर हाईवे और द्वारका एक्सप्रेसवे के 56.46 किमी हाइवे को शामिल किया है। इसमें दिल्ली-जयपुर हाईवे पर महिपालपुर से लेकर शिव मूर्ति से खेड़की दौला टोल प्लाजा तक 28 किमी का हिस्सा शामिल है।
अधिकारी के मुताबिक एटीएमएस के माध्यम से सीट बेल्ट नहीं पहनने,हेलमेट नहीं पहनने,दुपहिया वाहन पर तीन लोगों की सवारी करना, गलत लेन में वाहन चलाना,मुख्य मार्ग पर दो पहिया वाहन चलाना,तेज गति से वाहन चलाना,गलत साइड से वाहन चलाना,मार्ग पर वाहन रोकना और गलत पार्किंग को यातायात उल्लंघन माना जाएगा।
ट्रायल में औसतन हर दिन 600 चालान काटे जा रहे
एनएचएआई के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी ने कहा कि कैमरा आधारित उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से 11 यातायात उल्लंघनों की निगरानी की जा रही है। ट्रायल समय में हर दिन औसतन 600 चालान काटे जा रहे हैं। इनमें तेज गति, दुपहिया वाहनों की आवाजाही के चालान सबसे अधिक हैं।
टीम तीन शिफ्टों में काम करेगी
परियोजना ठेकेदार सुपरवेव कम्युनिकेशन के प्रबंध निदेशक अंशुमान सिंह ने कहा कि कमांड सेंटर में 50 कर्मचारियों की एक टीम तैनात की गई है, जो यातायात नियंत्रण केंद्र का प्रबंधन करेगी। यह टीम तीन शिफ्टों में काम करेगी। यह कर्मचारी स्वचालित यातायात प्रबंधन प्रणाली का उपयोग करेंगे।