आप भी काट सकते हैं दूसरे का चालान, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस 50 हजार तक का इनाम देगी
इस पहल ने लोगों में काफी दिलचस्पी जगाई है। लोगों ने तो व्हाट्सएप ग्रुप भी बना लिए हैं,अलग-अलग इलाकों को बांट लिया है और नियमित रूप से नियमों के उल्लंघन की तस्वीरें अपलोड कर रहे हैं। कई लोगों के लिए,खासकर बेरोजगारों के लिए,यह आय का एक स्रोत बन गया है।

आपके मन में भी कई बार आया होगा कि सड़क पर लापरवाही से गाड़ी चलाने या नियम तोड़ने वालों को सबक सिखाएं? अब आप सच में ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। आप पूछेंगे वो कैसे? तो वो ऐसे कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस जो खुद लोगों का चालान काटती है,वो ये मौका अब आपको भी दे रही है। इसके लिए आपको चाहिए सिर्फ एक स्मार्टफोन और उसमें इंस्टॉल किया एक ऐप। इतना ही नहीं,आप लोगों का चालान काट महीने का 50 हजार तक भी कमा सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे?
करना होगा ये काम
एक आम नागरिक होकर और बिना किसी परीक्षा को पास किए आप दूसरे का चालान काट सकते हैं। इसके लिए इन बिंदुओं पर ध्यान दीजिए-
➤सबसे पहले अपने स्मार्टफोन पर गूगल प्ले स्टोर से ‘प्रहरी’ ऐप डाउनलोड करें।
➤अपने मोबाइल नंबर और ओटीपी (OTP) का उपयोग करके खुद को रजिस्टर करें।
➤यदि आप ट्रैफिक नियम का उल्लंघन होते देखते हैं,तो उस वाहन की एक साफ तस्वीर लें।
➤इस तस्वीर को समय और स्थान के विवरण के साथ ऐप पर अपलोड करें।
➤एक बार जमा होने के बाद,दिल्ली ट्रैफिक पुलिस तस्वीर का वेरिफिकेशन करेगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह वास्तविक है और किसी व्यक्तिगत विवाद से जुड़ी नहीं है। यदि स्वीकृत हो जाता है,तो उल्लंघन करने वाले वाहन के मालिक को चालान जारी किया जाता है और आपको इसकी सूचना दी जाती है।
इनाम जीतने का भी मौका
यह कार्यक्रम सिर्फ नागरिक कर्तव्य के बारे में नहीं है,बल्कि इसके साथ आपको 50 हजार तक का इनाम भी मिलेगा। ऐप के माध्यम से सबसे ज्यादा योगदान देने वालों को हर महीने नकद पुरस्कार दिए जाते हैं।
➤पहले स्थान के लिए 50,000
➤दूसरे स्थान के लिए 25,000
➤तीसरे स्थान के लिए 15,000
➤चौथे स्थान के लिए 10,000
इस पहल ने लोगों में काफी दिलचस्पी जगाई है। लोगों ने तो व्हाट्सएप ग्रुप भी बना लिए हैं,अलग-अलग इलाकों को बांट लिया है और नियमित रूप से नियमों के उल्लंघन की तस्वीरें अपलोड कर रहे हैं। कई लोगों के लिए,खासकर बेरोजगारों के लिए,यह आय का एक स्रोत और साथ ही नागरिक अनुशासन में योगदान करने का एक तरीका बन गया है।