दिल्ली : नंदू के जीजा के मर्डर से शुरू हुई गैंगवार में अब तक 25 से ज्यादा हत्याएं
दिल्ली के बवाना में कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल के भांजे दीपक की हत्या के बाद राजधानी में एक बार फिर गैंगवार का खतरा बढ़ गया है। मंजीत और नंदू गैंग आमने-सामने आ चुके हैं। दोनों गैंग की दुश्मनी में अब तक 25 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

दिल्ली के बवाना में कुख्यात गैंगस्टर मंजीत महाल के भांजे दीपक की हत्या के बाद राजधानी में एक बार फिर गैंगवार का खतरा बढ़ गया है। मंजीत और नंदू गैंग आमने-सामने आ चुके हैं। दोनों गैंग की दुश्मनी में अब तक 25 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
इस गैंगवार की शुरुआत 2015 में उस वक्त हुई, जब प्रॉपर्टी विवाद में मंजीत ने नंदू के जीजा डॉ. सुनील की हत्या कर दी थी। हत्या में मंजीत गैंग के नफे मंत्री, अशोक प्रधान, रविंद्र भिंडा और प्रदीप सोलंकी शामिल थे। उसके बाद से ही दोनों गैंग एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं। घर में घुसकर पिता की हत्या जीजा की हत्या की खबर के बाद नंदू गैंग ने उसी शाम नफे मंत्री के घर में घुसकर उसके माता-पिता और पत्नी पर हमला किया। हमले में नफे मंत्री के पिता, जो दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर थे उनकी मौत हो गई थी।
नजफगढ़ और आसपास के इलाके में वारदात के बाद सनसनी फैल गई। नंदू और उसके साथियों की गिरफ्तारी हुई, लेकिन जमानत पर बाहर आने के बाद नंदू फर्जी पासपोर्ट बनवाकर विदेश भाग गया। उसका भाई ज्योति और मंजीत फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।
विदेश में बैठकर भी नंदू का दबदबा : नंदू के विदेश भागने के बाद पुलिस और मंजीत गैंग को लगा कि नंदू कमजोर हो गया है, लेकिन पिछले एक साल में नंदू का गैंग फिर हावी हो गया है। नंदू गैंग ने जीजा की हत्या के गवाह बल्लू की फरीदाबाद में हत्या कर दी, क्योंकि उसने महाल ग्रुप के खिलाफ गवाही देने से इनकार कर दिया था। इसके अलावा, नंदू ने नफे सिंह की बहादुरगढ़ में हत्या करवाई। उसे शक था कि वह महाल गैंग को समर्थन दे रहा था। बाद में दिल्ली में मंजीत समर्थक प्रॉपर्टी डीलर और हाल ही में मंजीत के भांजे की हत्या के बाद गैंगवार फिर तेज होने की आशंका जताई जा रही है।
माता-पिता और बेटी के सामने बीच सड़क गोलियों से भून डाला
बवाना के नांगल ठाकरान गांव में बाइक सवार बदमाशों ने शुक्रवार की सुबह ताबड़तोड़ फायरिंग कर दीपक की हत्या कर दी। वारदात को उसके माता-पिता और 11 साल की बेटी के सामने अंजाम दिया गया। इस घटना में बेटी के हाथ में गोली लगी है। घटना के वक्त दीपक के माता-पिता महज सौ मीटर की दूरी पर थे। जब तक वे दौड़कर पहुंचे जब तक आरोपी गोलियां बरसाकर फरार हो चुके थे। चीख-पुकार के बीच घायल पिता-पुत्री को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दीपक को बचाया नहीं जा सका। फिलहाल, नंदू गैंग ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी नहीं ली है, मगर पुलिस को शक है कि इसके पीछे उसी का हाथ है। पुलिस पूरे नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने में जुट गई है। गांव में दहशत का माहौल है।
शेयर ट्रेडिंग करता था दीपक
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, दीपक बीटेक करने के बाद शेयर ट्रेडिंग करता था। वह रोजाना सुबह टहलने जाता था। स्कूल की छुट्टियों के कारण उसकी बड़ी बेटी भी साथ थी। शुक्रवार सुबह दीपक बेटी के साथ निकला और पीछे-पीछे पिता देवेंद्र व मां चंद्रेश देवी भी चल रहे थे, तभी पीछे से बाइक पर आए दो बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। देवेंद्र व उनकी पत्नी दौड़े, लेकिन दीपक और उसकी बेटी खून से लथपथ गिर चुके थे। हमलावर करीब दस राउंड फायरिंग कर फरार हो गए।
मंजीत महाल की बड़ी बहन चंद्रेश देवी की शादी देवेंद्र से हुई है, जबकि छोटी बहन देवेंद्र के छोटे भाई की पत्नी है। दीपक के पिता देवेंद्र शिक्षक पद से रिटायर हैं और छोटा भाई दिल्ली पुलिस से रिटायर्ड है। वर्ष 2017 में चंद्रेश देवी ने अपने पिता को खो दिया था। उस वक्त नंदू ने ही गांव में चंद्रेश देवी और मंजीत के पिता की हत्या करवाई थी। अब उसी नंदू गैंग पर दीपक की हत्या कराने का शक है। हालांकि दीपक के परिवार का मंजीत से कोई संबंध नहीं था, इसलिए यह परिवार गांव में रहता था। हालांकि जिस तरह से नंदू गैंग मंजीत महाल से जुड़े लोगों की हत्याएं करा रहा था, उससे इन पर भी खतरा था। यह आशंका सच साबित हुई और नंदू ने उनके बेटे की भी हत्या कर दी।
दीपक की हत्या के बाद पूरा परिवार दहशत में है। पत्नी, दो बच्चों, माता-पिता और बड़े भाई के परिवार पर अनहोनी का साया मंडरा रहा है। मंजीत महाल की दूसरी बहन का परिवार भी डरा हुआ है। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर कड़ी सुरक्षा में अंतिम संस्कार कराया। गांव में सन्नाटा पसरा है और भारी पुलिस बल तैनात है।
हमलावरों ने रेकी के बाद वारदात को अंजाम दिया
जांच में खुलासा हुआ है कि दीपक की लंबे समय से रेकी की जा रही थी। इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में इसकी पुष्टि हुई है। गांव वालों ने भी बताया कि बीते दिनों से कुछ अजनबी चेहरे इलाके में देखे जा रहे थे। शुक्रवार सुबह छह बजे गमछा बांधे एक युवक देवेंद्र के घर के आसपास मंडराता दिखा। उसकी तस्वीर सीसीटीवी में कैद हुई है। इसके कुछ देर बाद बाइक सवार दो युवक देवेंद्र और दीपक के पीछे-पीछे जाते नजर आए। पुलिस को दोनों की स्पष्ट फुटेज मिल गई है।