थानों से जुड़ेंगे दिल्ली के सभी अस्पताल, LG ने प्रस्ताव को मंजूरी दी; क्या होगा फायदा
राजधानी दिल्ली के सभी अस्पताल थानों से जुड़ेंगे। उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस, गृह विभाग और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के बीच समीक्षा के बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। राज निवास के अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।

राजधानी दिल्ली के सभी अस्पताल थानों से जुड़ेंगे। उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस, गृह विभाग और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के बीच समीक्षा के बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। राज निवास के अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मेडिको लीगल मामलों (एमएलसी) से निपटने और पोस्टमार्टम के लिए राष्ट्रीय राजधानी के सभी अस्पतालों को पुलिस थानों से जोड़ने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज निवास के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि इस पहल का उद्देश्य रेप, सड़क दुर्घटनाओं और अन्य आपातकालीन स्थितियों में पीड़ितों को त्वरित, कुशल चिकित्सा और फोरेंसिक सहायता सुनिश्चित करना है। इन मामलों में तत्काल चिकित्सा-कानूनी हस्तक्षेप की जरूरत होती है।
एक अधिकारी ने बताया कि यह मंजूरी दिल्ली पुलिस, गृह विभाग और दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के बीच व्यापक समीक्षा और सहयोग के बाद मिली है। यह प्रक्रिया दिल्ली पुलिस द्वारा थानों की एक समेकित सूची, उनके संबंधित नामित अस्पतालों के साथ-साथ वैकल्पिक अस्पतालों को प्रस्तुत करने के साथ शुरू हुई। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने चिकित्सा-कानूनी मामलों के प्रबंधन में वर्तमान जरूरतों और चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक प्रस्ताव तैयार किया है।
अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तहत एक समिति का गठन किया गया था, जो पुलिस थानों और अस्पतालों के बीच संपर्क का विश्लेषण और सिफारिश करेगी। इसका उद्देश्य तत्काल चिकित्सा उपचार प्रदान करने में देरी को खत्म करना और पीड़ितों की चिकित्सा-कानूनी जांच को सुविधाजनक बनाना है।
इसके बाद समिति की सिफारिशों की व्यवहार्यता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों के परामर्श से गृह विभाग द्वारा गहन जांच की गई। इसके बाद रूपरेखा तैयार करने वाली मसौदा अधिसूचना की दिल्ली सरकार के विधि विभाग द्वारा समीक्षा की गई। उसने इसकी समीक्षा की और इसे कानूनी प्रावधानों के साथ जोड़ने के लिए जरूरी संशोधनों का सुझाव दिया।
अधिकारी ने बताया कि यह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस अधिनियम), 2023 की धारा 194(3) के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है। इससे पुलिस थानों को चिकित्सा-कानूनी मामलों के प्रबंधन और पोस्टमार्टम करने के लिए सुसज्जित अस्पतालों के साथ बेहतर ढंग से जुड़ने में मदद मिलेगी।