दिल्ली में सरकार कराएगी बारिश, पहली बार जुलाई में किया जाएगा प्रयोग; पॉलूशन का मिलेगा सॉलूशन
दिल्ली में पहली बार वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से कृत्रिम बारिश (आर्टिफिशियल रेन) कराने की योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। राजधानी में जुलाई में पहली बार इसका प्रयोग किया जाएगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को यह जानकारी दी।

दिल्ली में पहली बार वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से कृत्रिम बारिश (आर्टिफिशियल रेन) कराने की योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसके तहत मौसमी स्थिति अनुकूल होने पर 4 से 11 जुलाई के बीच बादल से पानी बरसाने के लिए रसायनों का छिड़काव किया जाएगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सिरसा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने तकनीकी समन्वय के लिए पुणे स्थित भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) को वायुमंडल में रसायनों के छिड़काव के लिए योजना प्रस्तुत कर दी है। सिरसा ने कहा कि इसके लिए तीन जुलाई तक रसायनों के छिड़काव के लिए परिस्थितियां उपयुक्त नहीं हैं। इसलिए 4 से 11 जुलाई के बीच इसके लिए छिड़काव का समय प्रस्तावित किया गया है।
उन्होंने कहा कि नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को एक प्रस्ताव भी भेजा गया है, जिसमें निर्धारित अवधि के दौरान मौसम प्रतिकूल रहने की स्थिति में वैकल्पिक समय की मांग की गई है, ताकि बाद में परीक्षण किया जा सके।सिरसा ने कहा कि यह पहल शहरी प्रदूषण नियंत्रण में एक ऐतिहासिक कदम है। इसे मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में पर्यावरण विभाग द्वारा पहली बार लागू किया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य दिल्लीवासियों को स्वच्छ हवा उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि यह सभी निवासी का सबसे बुनियादी अधिकार है। सरकार इसे प्राप्त करने के लिए हर संभव समाधान तलाश रही है। सिरसा ने कहा कि इसलिए हम कृत्रिम वर्षा का यह साहसिक कदम उठा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इससे सार्थक बदलाव आएगा।
आम आदमी पार्टी (आप) नीत पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि भाजपा और केंद्र सरकार ने शहर के प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों में बाधा डाली और सर्दियों के चरम प्रदूषण के दौरान कृत्रिम बारिश के प्रस्ताव का मखौल उड़ाया।
सिरसा ने भारद्वाज के आरोप पर कहा कि हम ही वे लोग थे जिन्होंने सबसे पहले समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। आईआईटी कानपुर को सभी भुगतान किए तथा आवश्यक अनुमोदन के लिए आवेदन किया, क्योंकि हम वास्तविक कार्रवाई करना चाहते हैं।
सिरसा ने कहा कि ‘उन्होंने कृत्रिम बारिश के बारे में बात करने के अलावा कुछ नहीं किया। दूसरी ओर हमने ईमानदारी से काम किया है। यही कारण है कि सरकार बनने के महज चार महीने के भीतर हम दिल्ली में पहली कृत्रिम बारिश की तारीख तय करने के चरण में हैं।
‘‘दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण न्यूनीकरण के लिए एक विकल्प के रूप में कृत्रिम बारिश की प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और मूल्यांकन’’ शीर्षक वाली इस परियोजना में उत्तर-पश्चिम और बाहरी दिल्ली में कम सुरक्षा वाले हवाई क्षेत्रों में पांच विमान उड़ानें भरेंगे। लगभग 90 मिनट की प्रत्येक उड़ान होगी और करीब 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अच्छादित करेगी।
आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित रासायनिक फॉर्मूले में सिल्वर आयोडाइड नैनोकण, आयोडीन युक्त नमक और सेंधा नमक शामिल हैं। इससे नमी युक्त बादलों में बूंदों के निर्माण में तेजी लाकर कृत्रिम बारिश को उत्प्रेरित करने के लिए तैयार किया गया है।