दिल्ली में फेक जॉब रैकेट का भंडाफोड़, पुलिस ने मास्टरमाइंड को दबोचा
दिल्ली के शाहदरा में साइबर पुलिस ने एक फर्जी जॉब रैकेट का भंडाफोड़ किया है और घोटाले के पीछे के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी की पहचान हरियाणा के बहादुरगढ़ निवासी राहुल के रूप में हुई है।

दिल्ली के शाहदरा में साइबर पुलिस ने एक फर्जी जॉब रैकेट का भंडाफोड़ किया है और घोटाले के पीछे के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी की पहचान हरियाणा के बहादुरगढ़ निवासी राहुल के रूप में हुई है। उसकी पत्नी और कथित सह-साजिशकर्ता सीमा यादव अभी भी फरार है। यह घोटाला तब सामने आया जब भोला नाथ नगर का एक 19 साल का लड़का यूट्यूब वीडियो के जरिए एक फर्जी भर्ती स्कीम का शिकार हो गया।
जानकारी के मुताबिक लड़के को ज़ेप्टो में कैशियर की नौकरी दिलाने का वादा किया गया था। इसके बाद फेक रजिस्ट्रेशन, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और प्रोसेसिंग चार्ज के नाम पर 9 हजार रुपए की ठगी की गई। मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तकनीकी निगरानी, मोबाइल फोरेंसिक और लाइव लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए दिल्ली, नोएडा और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर गैंग का पता लगाया।
इसके बाद पुलिस ने निर्माण विहार में किराए पर लिए गए एक ऑफिस में छापेमारी भी की। लेकिन छापेमारी से कुछ दिनों पहले ही इस जगह को खाली कर दिया गया था। इस जगह से ही लोगों नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने का काम किया जाता था। ऑपरेशन के दौरान, अधिकारियों ने 100 से अधिक उम्मीदवारों के बायोडाटा, ऑरिजिनल और फोटोकॉपी किए गए आधार कार्ड और सर्विस अग्रीमेंट बरामद किए, जिससे धोखाधड़ी होने की पुष्टि हुई।
2011 से लोगों को बना रहे थे शिकार
वहीं इस धोखाधड़ी में जिन दो बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ था, वह बुद्ध विहार के शिवम और नई दिल्ली के अभिषेक तिवारी के निकले। इसके अलावा जिस नंबर से लोगों को फोन कर शिकार बनाया जाता था वह भी पिछले साल अक्तूबर से सक्रिय था। पुलिस ने जांच के बाद राहुल को गिरफ़्तार कर लिया और उसे बीएनएस की धारा 35(3) के तहत नोटिस भेजा। पूछताछ के दौरान, वह टालमटोल करता रहा और सहयोग नहीं किया। शुरुआती पूछताछ से पता चला है कि आरोपी जल्दी पैसे कमाने के लालच में 2011 से ही नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को अपना निशाना बना रहा था।
वहीं पुलिस अब सीमा यादव को की तलाश कर रही है। उसने अपना फोन बंद कर दिया है और गिरफ़्तारी से बच रही है।