ना कोई अपील और ना कोई दलील, सीधे जेल; सब इंदिरा गांधी के इशारे पर हो रहा था : CM रेखा गुप्ता
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जब देश में इमरजेंसी लागू था तब ना कोई अपील होती थी और ना कोई दलील। लोगों को सीधे जेल में डाल दिया जाता था। कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने भय का वातावरण बनाकर पूरे देश को जेल में तब्दील कर दिया था।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जब देश में इमरजेंसी लागू था तब ना कोई अपील होती थी और ना कोई दलील। लोगों को सीधे जेल में डाल दिया जाता था। कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने भय का वातावरण बनाकर पूरे देश को जेल में तब्दील कर दिया था।
शनिवार को दिल्ली प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की ओर से महाराष्ट्र सदन में देश में आपातकाल लागू होने के 50 साल पूरे होने को लेकर आयोजित मॉक पार्लियामेंट का आयोजन किया गया। इस मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित सांसद बांसुरी स्वराज, दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष ऋचा पांडे मिश्रा, मॉक पार्लियामेंट सेशन में मोर्चा की महामंत्री प्रियल भारद्वाज, सरिता तोमर और वैशाली पोद्दार सहित सैकड़ों कार्यकर्ताएं उपस्थित थीं।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि इमरजेंसी के समय अगर कोई सरकार के खिलाफ आवाज उठाता तो ना कोई अपील, ना कोई दलील और ना ही कोई कानून, उसे जेल में बंद कर दिया जाता था। कांग्रेस सरकार ने भय का वातावरण बना पूरा देश को ही एक तरह की जेल बना दिया गया था।
उन्होंने कहा कि देशहित में बोलने वाले लाखो लोगों को रातों रात जेल भेज दिया गया। अखबारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। मीडिया संस्थानों में ताले लगा दिए गए, कोई कानून नहीं और सब कुछ तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर हो रहा था। कोई आवाज उठाता था, तो उसको जेल में बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि देश ने ऐसा काला अध्याय कभी नहीं देखा। मनोज कुमार जैसे अभिनेता पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और साथ ही नसबंदी अभियान चलाकर लोगों में एक डर पैदा किया गया था।
उन्होंने कहा कि आज हमें समझने की जरूरत है कि आपातकाल को आखिर काला अध्याय क्यों कहने की जरुरत पड़ी क्योंकि यह काला अध्याय दोबारा ना दोहराना पड़े। यह संविधान हत्या दिवस के रूप में ना मनाया जाए और इस जैसा कोई आपातकाल ना लगे उसके लिए इसे बार-बार याद किया जाना चाहिए।
वहीं, सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि देश में कानून, संविधान और लोकतंत्र की हत्या करना या उसपर अपनी मनमानी चलाने का काम कांग्रेस की सरकार ने किया। जब और जैसे चाहा संविधान में बदलाव किया।