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दिल्ली की इस प्राइम लोकेशन पर DDA देगा रिहायशी प्लॉट का ऑफर, मिलेंगी ये सुविधाएं

अधिकारियों ने सेक्टर डी6 वसंत कुंज मेगा हाउसिंग के गंगा,यमुना,नर्मदा और सरस्वती ब्लॉक के लिए सतह पर पार्किंग (सरफेस पार्किंग) विकसित करने के लिए भी जगहों की पहचान की है। डीडीए ने इन सोसाइटियों को 2010 के आसपास विकसित किया था।

Utkarsh Gaharwar हिन्दुस्तान, दिल्लीSun, 29 June 2025 05:54 AM
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दिल्ली की इस प्राइम लोकेशन पर DDA देगा रिहायशी प्लॉट का ऑफर, मिलेंगी ये सुविधाएं

दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने अपनी आने वाली नीलामी योजना में प्रमुख स्थानों पर रिहायशी प्लॉट्स देने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है। अब तक फ्लैटों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाले डीडीए ने हाल ही में दक्षिणी दिल्ली के D6 वसंत कुंज में 118 प्लॉटों को चिह्नित करने के लिए एक विशेषज्ञ फर्म को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की है।

एक अधिकारी ने बताया कि डीडीए ने सीमांकन (प्लॉटों की हदबंदी) के साथ-साथ आसपास की सड़कों और तूफानी पानी की निकासी (स्टॉर्मवॉटर ड्रेन) और सीवरेज व पानी की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाने जैसी सेवाओं को विकसित करने के लिए एक अनुभवी एजेंसी का चयन करने के लिए टेंडर आमंत्रित करने का नोटिस जारी किया है। उन्होंने आगे कहा,"विचार यह है कि ई-नीलामी के लिए साइट को तैयार किया जाए।"

अधिकारियों ने सेक्टर डी6 वसंत कुंज मेगा हाउसिंग के गंगा,यमुना,नर्मदा और सरस्वती ब्लॉक के लिए सतह पर पार्किंग (सरफेस पार्किंग) विकसित करने के लिए भी जगहों की पहचान की है। डीडीए ने इन सोसाइटियों को 2010 के आसपास विकसित किया था। अधिकारी ने बताया, "उचित पार्किंग स्थान की बहुत मांग थी। इससे 1,904 फ्लैटों के निवासियों को पार्किंग की समस्या से निजात मिलेगी। वहीं,प्लॉटों का विकास उन लोगों या खरीदारों की मदद करेगा जो इसे पसंद करते हैं।"

दिल्ली विकास प्राधिकरण ने काम सौंपने के बाद इन सभी कार्यों को 365 दिनों (एक साल) में पूरा करने का लक्ष्य रखा है। अधिकारी ने बताया, "योजना और डिजाइन के लिए अधिकतम तीन महीने का समय दिया जाएगा,जिसमें सक्षम प्राधिकारी से जांच भी शामिल है। वहीं,काम आवंटित होने के बाद वास्तविक निष्पादन (एक्जीक्यूशन) के लिए नौ महीने का समय मिलेगा।"

परियोजना के तहत कई महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं,जिनमें नालियों,सीवरेज,पानी की आपूर्ति और वर्षा जल संचयन (रेनवाटर हार्वेस्टिंग) जैसी सेवाओं की योजना बनाना और उन्हें डिज़ाइन करना शामिल है। इन सभी योजनाओं को स्थानीय नागरिक निकाय (लोकल सिविक बॉडी) से मंज़ूरी भी लेनी होगी। परियोजना योजना में कहा गया है,"ऊपर बताई गई सभी सेवाओं की तैयारी और समापन योजनाएं इंजीनियर-इन-चार्ज के निर्देशानुसार जमा की जाएंगी।"

इसके अलावा,कामों में फुटपाथों,पार्कों और लॉन में फैक्ट्री-निर्मित पेवर ब्लॉक लगाना भी शामिल है। विभिन्न जगहों पर ज़रूरी मजबूती,मोटाई और आकार के ड्राइववे (गाड़ियों के लिए रास्ते) बनाना भी इसी परियोजना का हिस्सा है। नालियों या सीवर लाइनों को मौजूदा मैनहोल से जोड़ना, और साइटों से भवन का मलबा, तोड़ी गई या बेकार सामग्री को यांत्रिक माध्यमों (मैकेनिकल मीन्स) से हटाना,जिसमें लोडिंग,ट्रांसपोर्ट और डंपिंग आदि शामिल हैं,ये सभी कार्य भी परियोजना में शामिल किए गए हैं।

निविदा आमंत्रण (टेंडर) नोटिस के अनुसार, लगभग 7.5 करोड़ रुपये की लागत वाला यह पूरा काम केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाएगा। साथ ही,राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के मानदंडों का भी पालन करना होगा। नोटिस में यह भी बताया गया है कि विकास परियोजनाओं के प्रस्तावों में पेड़ों की कटाई कम से कम सुनिश्चित की जानी चाहिए। नोटिस में इस बात पर जोर दिया गया है कि "सभी वैकल्पिक प्रस्तावों का भी विश्लेषण किया जाना चाहिए और रिकॉर्ड में रखा जाना चाहिए। विकास परियोजनाओं के लिए चिह्नित क्षेत्र में किसी भी फील्ड स्टाफ द्वारा कोई भी पेड़ तब तक नहीं काटा/स्थानांतरित किया जाना चाहिए,जब तक वन विभाग से औपचारिक और अंतिम अनुमति प्राप्त न हो जाए।"

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