क्रैश हुए एअर इंडिया विमान के मलबे का क्या होगा? 9 दिन बाद शुरू हुआ उठाने का काम
अहमदाबाद में क्रैश हुए एअर इंडिया के विमान का मलबा दुर्घटना के नौ दिन बाद उठाया जा रहा है। इस काम में लगभग 72 घंटे का समय लग सकता है। इस मलबे को एआईबी को सौंप दिया जाएगा जो दुर्घटना की जांच कर रहा है।

अहमदाबाद में विमान हादसे को 9 दिन बीत चुके हैं। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना होने वाला एअर इंडिया का विमान मात्र 30 सेकंड बाद ही क्रैश हो गया था। इस हादसे में 270 लोगों की जान चली गई थी। हादसे के बाद अब तक रिकवरी का काम जारी था। वहीं गुजरात पुलिस ने रविवार को विमान के मलबे को हवाई अड्डा परिसर में पहुंचाना शुरू कर दिया है।
सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए रवाना हुआ विमान उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद मेघाणी नगर में छात्रावास परिसर में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। एक अधिकारी ने बताया कि मलबे को दुर्घटनास्थल से गुजरात राज्य विमानन अवसंरचना कंपनी लिमिटेड (GUJSAIL) की इमारत में ले जाया जा रहा है जो हवाई अड्डे के परिसर में है और इसे विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AIB) की निगरानी में रखा जाएगा।
संयुक्त पुलिस आयुक्त, सेक्टर-दो, जयपालसिंह राठौर ने बताया, ‘हमने यहां दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान के मलबे को आज से GUJSAIL की इमारत में ले जाना शुरू कर दिया है।’ उन्होंने कहा, ‘पूरे मलबे को स्थानांतरित करने में 48 से 72 घंटे लगेंगे।’ अधिकारी ने कहा, ‘मलबा एएआईबी के कब्जे में रहेगा जो विमान दुर्घटना की जांच कर रहा है।’
एएआईबी के अलावा, अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) विमान दुर्घटना की अंतरराष्ट्रीय जांच का नेतृत्व कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार दुर्घटना में मारे गए लोगों में से कम से कम 247 लोगों की अब तक डीएनए नमूने के मिलान के माध्यम से पहचान की गई है और 232 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं।
विमान में कुल 242 लोग सवार थे। हादसे में, विमान में सवार केवल एक व्यक्ति जीवित बचा। विमान मेघाणी नगर में जिस मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, वहां मौजूद 29 लोग भी मारे गए थे। कई शव इतने झुलस गए कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही, इसलिए अधिकारी इस भयावह त्रासदी में जान गंवाने वालों की पहचान करने के लिए डीएनए नमूने का मिलान करा रहे हैं।
हालांकि, एक अधिकारी ने बताया कि आठ मृतकों के परिवारों को डीएनए जांच के लिए एक अन्य रिश्तेदार का नमूना देने को कहा गया है, क्योंकि पहले रिश्तेदार के नमूने का मिलान नहीं हुआ। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक राकेश जोशी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जब तक डीएनए मिलान नहीं हो जाता, शव परिजनों को नहीं सौंपा जा सकता।उन्होंने कहा, ‘जब लंबे समय तक मिलान नहीं हो पाता है, तो आप किसी अन्य रिश्तेदार से दूसरा नमूना मांग सकते हैं। यदि एक सहोदर भाई या बहन ने नमूना दिया था, तो मृतक के डीएनए से मिलान के लिए दूसरे सहोदर भाई या बहन का नमूना मांगा जाता है।’