मुख्यमंत्री ने बनाई थी RCB के कार्यक्रम की योजना, राज्यपाल को भी भेजा निमंत्रण; भगदड़ पर राजभवन
इस बीच RCB और इवेंट ऑर्गनाइजर ने भी इस मामले में दर्ज FIR को रद्द करने के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की IPL जीत के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के मामले में अब एक नया खुलासा हुआ है। राजभवन के सूत्रों ने खुलासा किया है कि इस आयोजन की योजना कर्नाटक सरकार ने बनाई थी और राज्यपाल थावरचंद गहलोत को भी विधान सौधा में आयोजित समारोह के लिए आमंत्रित किया गया था। यह दावा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के उस बयान के उलट है, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह सरकारी आयोजन नहीं था और न ही वे इसके लिए आमंत्रित थे।
इंडिया टुडे ने राजभवन के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि कर्नाटक के राज्यपाल ने आरसीबी खिलाड़ियों को सम्मान समारोह के लिए राजभवन में आमंत्रित करने की योजना बनाई थी, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें सूचित किया कि यह समारोह विधान सौधा में आयोजित किया जाएगा। राजभवन सूत्रों ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को विधान सौधा समारोह में भाग लेने के लिए आधिकारिक तौर पर आमंत्रित किया था।
रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए सिद्धारमैया ने कहा, ‘‘यह घटना नहीं होनी चाहिए थी जो क्रिकेट स्टेडियम में हुई। स्टेडियम से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।" यह भगदड़ चार जून की शाम को यहां चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने हुई थी, जहां बड़ी संख्या में लोग रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) टीम की आईपीएल में जीत के जश्न में भाग लेने के लिए उमड़े थे। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 56 घायल हो गए थे।
विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा, "डीपीआर संचार के बाद, मुख्य सचिव ने मुझसे पूछा, और यहां तक कि पुलिस भी कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सहमत हो गई। तभी मैंने हरी झंडी दी। उसके बाद, केएससीए के कोषाध्यक्ष और सचिव ने मुझे इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। यह मेरे द्वारा आयोजित कार्यक्रम नहीं था। यह उनका कार्यक्रम था, उन्होंने राज्यपाल को भी आमंत्रित किया, इसलिए मैं इसमें शामिल हुआ। इसके अलावा, मेरी कोई भूमिका नहीं थी।" उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी, नहीं होनी चाहिए थी। जब से मैं मुख्यमंत्री बना हूं, तब से ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी। प्रारंभिक तौर पर यह अधिकारियों की लापरवाही का मामला प्रतीत होता है, इसलिए हमने कार्रवाई की है। इस घटना का सभी को दुख है, मुझे भी।’’
उन्होंने कहा: "मैंने क्या गलत किया है? भाजपा और जेडीएस लाभ के लिए इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं। कुमारस्वामी का दावा कि मैंने पुलिस को धमकी दी, पूरी तरह से झूठ है।" रविवार को मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया, "हमने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है और उनकी मांग के अनुसार न्यायिक जांच का आदेश दिया है। तो सरकार कैसे दोषी है?"