अब मोबाइल के जरिए भी होगा मतदान, बिहार बनेगा पहला राज्य; EC ने क्या बताया?
Bihar election: बिहार विधानसभा चुनावों के पहले राज्य निर्वाचन आयोग इतिहास बनाने जा रहा है। आयोग की तरफ से मोबाइल ऐप के जरिए नगरपालिका चुनाव में वोट करने की योजना बनाई गई है। दस दिनों तक इसके बारे में आयोग ने जागरुकता अभियान भी चलाया है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदान को लेकर एक नया बदलाव होने जा रहा है। बिहार देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रा है जहां पर फोन के जरिए मतदान का प्रयोग किया जा सकेगा। बिहार राज्य चुनाव आयुक्त दीपक प्रसाद ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। उनकी यह टिप्पणी पटना, रोहतास और पूर्वी चंपारण की छह नगर परिषदों के लिए शनिवार को होने वाले मतदान की पहले आई है। हालांकि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि आगामी विधानसभा चुनाव में फोन के जरिए मतदान होगा या नहीं।
कौन कर सकता है ई-वोट?
बिहार चुनाव आयुक्त दीपक प्रसाद ने इसके बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए कहा कि यह सुविधा उन लोगों को मिलेगी जो मतदान केंद्र पर जाकर वोट नहीं डाल पाते हैं। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन वोट करने के लिए मतदाताओं के फोन में एक ऐप इंस्टॉल होना चाहिए। इस सुविधा का लाभ वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग, गर्भवती महिलाएं और दूसरे राज्यों में रहने वाले मतदाता कर सकते हैं। राज्य चुनाव आयोग ने इस संबंध में 10 से 22 जून तक जागरुकता अभियान भी चलाया था।
प्रसाद ने कहा, "इस सुविधा का लाभ लेने के लिए मतदाताओं को E-SECBHR ऐप इंस्टाल करना होगा। इसके बाद मतदाता सूची में एड अपने नंबर से इसको लिंक करना होगा। यह ऐप फिलहाल केवल एंड्रायड फोन में ही काम करेगा इस ऐप को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग ने बनाया है, जबकि एक और ऐप है जिसको बिहार चुनाव आयोग ने बनाया है।"
सुरक्षा की कैसे होगी व्यवस्था?
ई-वोटिंग को लेकर सबसे बड़ा डर इससे होने वाली छेड़छाड़ की आशंका से ही होता है। ऐसे में इस सवाल का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान प्रक्रिया को सुचारु, निष्पक्ष
और पारदर्शी बनाए रखने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। जैसे की एक मोबाइल नंबर का उपयोग करके केवल दो पंजीकृत मतदाताओं को लॉग इन करने की अनुमति होगी। इसके अलावा प्रत्येक लोट की जांच और सत्यापन मतदाता पहचान पत्र का उपयोग करके किया जाएगा। इसके अलावा जिन भी मतदाताओं के पास मोबाइल फोन नहीं है, वह भी बिहार चुनाव आयोग की वेबसाइट पर ई-वोट डाल सकते हैं।
प्रसाद ने बताया, "हमारी इस योजना में भाग लेने के लिए और ई-वोट डालने के लिए करीब 10 हजार मतदाता पहले ही ई-वोटिंग सिस्टम में पंजीकरण करा चुके हैं। इसके अलावा हमें उम्मीद है कि करीब 50 हजार और मतदाता मतदान केंद्रों पर जाने की बजाय ऑनलाइन मतदान करेंगे।
इसको सुरक्षित तरीके से पूरा करने का तरीका बताते हुए प्रसाद ने कहा कि हमने इसमें डिजिटल सुरक्षा उपायों का पूरा-पूरा ध्यान रखा है। उन्होंने कहा, "इस सिस्टम में ब्लॉकचेन तकनीक, फेस मैचिंग और स्कैनिंग जैसी सुविधाएँ शामिल होंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसके साथ छेड़छाड़ न की जा सके। इसके अलावा वीवीपीएटी मशीन की तरह एक ऑडिट ट्रेल भी होगा, जिससे हम और भी ज्यादा पारदर्शिता रख पाएंगे।"