कोलकाता गैंगरेपः कस्बा थाने के बाहर जमकर हंगामा, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने भांजी लाठी
कोलकाता के कॉलेज में छात्रा से गैंगरेप की घटना के बाद वामपंथी छात्रों ने कस्बा इलाके में जमकर हंगामा किया। पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया और उन्हें खदेड़ दिया। कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।

कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा से गैंगरेप की घटना के बाद पश्चिम बंगाल में बवाल शुरू हो गया है। कस्बा पुलिस थाने के बाहर वामपंथी छात्र संगठनों एसएफआई और DYFI के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग किया। पुलिस की कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए गए हैं। वहीं कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर लालबाजार हेडक्वार्टर ले जाया गया है।
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कस्बा पुलिस स्टेशन का रास्ता बाधित कर दिया था। इसके अलावा कस्बा की राजदंगा मेन रोड को जाम कर दिया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शानकारियों पर कार्रवाई की। पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो प्रदर्शनकारी उनके डंडों को पकड़ने की कोशिश करते हुए दिखाई दिए। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हाथापाई भी हुई।
यादवपुर प्रखंड की पुलिस उपायुक्त बिदिशा कालिता दासगुप्ता के नेतृत्व में लाठियां लहराते पुलिस और आरएएफ कर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी ने कस्बा में राजदंगा मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया और इसी दौरान झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारियों ने अपने कुछ साथियों को पुलिस कर्मियों की गिरफ्त से छुड़ाने की भी कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सड़क पर काफी दूर तक उनका पीछा भी किया।
प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में कस्बा पुलिस थाने के बाहर एकत्र हुए थे, जहां बुधवार को साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ संस्थान परिसर के अंदर कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। इससे पहले जादवपुर की उपायुक्त ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की है और पूरी गहनता के साथ जांच कर रही है।
उपायुक्त ने लिखा, ‘ कस्बा पुलिस ने कानून की छात्रा से जुड़ी यौन उत्पीड़न की शिकायत पर तेजी से और निर्णायक रूप से कार्रवाई की। बिना देरी के प्राथमिकी दर्ज की गई और 12 घंटे के भीतर शिकायत में नामित सभी तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें एक जुलाई 2025 तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।’
उन्होंने कहा, ‘‘जांच पूरी गंभीरता, पेशेवराना अंदाज से और संवेदनशीलता के साथ की जा रही है। हम जनता और डिजिटल मंचों से अपील करते हैं कि वे असत्यापित या भ्रामक सामग्री प्रसारित करने से बचें क्योंकि इससे न्यायिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है या इसमें शामिल लोगों की गरिमा से समझौता हो सकता है।’