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स्टील्थ फाइटर जेट की दुनिया में कदम रखेगा भारत, सरकार ने दे दी मंजूरी; क्यों है खास?

स्टील्थ फाइटर जेट्स खास तरह के युद्धक विमान हैं, जो दुश्मन के रडार और इन्फ्रारेड सेंसर से छुपने के लिए बनाए गए हैं। इनका डिजाइन और सामग्री ऐसी होती है कि रडार की तरंगें इन्हें आसानी से पकड़ नहीं पातीं। ये कम गर्मी और आवाजा पैदा करते हैं।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 27 May 2025 06:54 PM
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स्टील्थ फाइटर जेट की दुनिया में कदम रखेगा भारत, सरकार ने दे दी मंजूरी; क्यों है खास?

चीन की ओर से पाकिस्तान को स्टील्थ फाइटर जेट्स मुहैया कराने की खबरों के बीच भारत ने बड़ा कदम उठाया है। नई दिल्ली ने अपने खुद के स्टील्थ विमान बनाने के प्लान को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना के लिए 5वीं पीढ़ी के मध्यम वजनी उन्नत लड़ाकू विमान (AMCA) को स्वदेशी रूप से विकसित करने के मॉडल को मंजूर कर लिया। भारत अपनी वायु शक्ति क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्नत ‘स्टील्थ’ विमानों पर जोर दे रहा है। ये ऐसे विमान हैं, जिनकी हवाई क्षेत्र में मौजूदगी का पता लगाना मुश्किल होता है। साथ ही, ये दुश्मन के क्षेत्र में भीतर तक जाकर लक्ष्य को भेद सकते हैं। रक्षा मंत्रालय ऐसे ही मध्यम वजन के लड़ाकू जेट विकसित करने की एएमसीए परियोजना पर काम कर रहा है।

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रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि राजनाथ सिंह ने उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है। बयान में कहा गया, ‘भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने और मजबूत घरेलू एयरोस्पेस औद्योगिक तंत्र को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम उठाया गया है।' वैमानिक विकास एजेंसी (ADA) उद्योग की साझेदारी के माध्यम से इस कार्यक्रम को लागू करेगा। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह मॉडल निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को प्रतिस्पर्धी आधार पर समान अवसर मुहैया करता है। वे स्वतंत्र रूप से या संयुक्त उद्यम या संघ के रूप में बोली लगा सकते हैं। यह यूनिट देश के कानूनों और नियमों का पालन करने वाली भारतीय कंपनी होनी चाहिए।’

कितना खास है यह प्रोजेक्ट

बयान में कहा गया, ‘यह एएमसीए विकसित करने के लिए स्वदेशी विशेषज्ञता और क्षमता का उपयोग करने की दिशा में बड़ा कदम है, जो एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने लड़ाकू विमान कार्यक्रम को पिछले साल सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। इस प्रोजेक्ट की शुरुआती विकास लागत करीब 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। भारतीय वायुसेना एएमसीए परियोजना की दीर्घकालिक आवश्यकता को देखते हुए इस पर जोर दे रही है। हल्के लड़ाकू विमान विकसित करने के बाद एएमसीए विकसित करने को लेकर भारत का विश्वास काफी बढ़ गया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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