Hindi Newsदेश न्यूज़India changed its stand on attacks on Iran, but BRICS did not take the name of Israel US

ईरान पर हमलों को लेकर बदला भारत का स्टैंड, लेकिन BRICS ने नहीं लिया इजरायल-US का नाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5-6 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। माना जा रहा है कि ईरान संकट और मध्य-पूर्व की स्थिरता BRICS एजेंडे में प्रमुख विषय होंगे।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 26 June 2025 05:39 AM
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ईरान पर हमलों को लेकर बदला भारत का स्टैंड, लेकिन BRICS ने नहीं लिया इजरायल-US का नाम

Israel-Iran War: भारत ने ईरान पर अमेरिकी और इजरायली सैन्य हमलों को लेकर BRICS समूह के साथ मिलकर सख्त चिंता व्यक्त की है। BRICS देशों ने 13 जून से ईरान पर जारी हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का गंभीर उल्लंघन करार दिया है। इस बयान में भारत ने स्पष्ट रूप से हमलों की निंदा की है। हालांकि ब्रिक्स के बयान में इजरायल या अमेरिका का नाम नहीं लिया गया है। भारत का यह कदम ऐसे समय में सामने आया है जब 10 दिन पहले SCO (शंघाई सहयोग संगठन) के एक बयान से खुद को अलग कर लिया था, जिसमें इजरायल की आलोचना की गई थी।

BRICS में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल हैं। ब्रिक्स के बयान में कहा गया है, “हम 13 जून 2025 से इस्लामी गणराज्य ईरान पर किए गए सैन्य हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन हैं। इससे मध्य-पूर्व की सुरक्षा स्थिति में गंभीर वृद्धि हुई है। हम इस बढ़ती हुई तनावपूर्ण स्थिति के खतरनाक परिणामों को लेकर चिंतित हैं और शांति बहाली हेतु संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता देने की अपील करते हैं।”

बयान में आगे कहा गया, “हम उन हमलों की भी गंभीर आलोचना करते हैं जो शांतिपूर्ण परमाणु स्थलों को निशाना बनाए गए हैं। ऐसे हमले अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन हैं।”

भारत का बदला स्टैंड

BRICS के इस कड़े बयान में भारत की प्रत्यक्ष भागीदारी और समर्थन ऐसे समय में आया है जब हाल ही में भारत ने SCO के आलोचनात्मक बयान से खुद को अलग कर लिया था। SCO के उस बयान में इजरायल की सैन्य कार्रवाई को संप्रभुता का उल्लंघन कहा गया था। विदेश मंत्रालय ने 14 जून को कहा था, “भारत ने SCO के इस बयान में भाग नहीं लिया। भारत का स्वयं का रुख 13 जून को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया जा चुका है, जिसमें हमने तनाव घटाने के लिए संवाद और कूटनीति की अपील की थी।”

ईरान ने भारत का जताया आभार

ईरान के दिल्ली स्थित दूतावास ने एक बयान जारी करते हुए भारत का आभार जताया। बयान में कहा, “हम भारत के उन सभी लोगों, राजनीतिक दलों, सांसदों, सामाजिक संगठनों, धार्मिक नेताओं, शिक्षाविदों और मीडिया सदस्यों के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं जिन्होंने ईरान के साथ एकजुटता दिखाई। ईरानी जनता की यह प्रतिरोध केवल अपने देश की रक्षा नहीं थी, बल्कि यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर, मानवीय सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय कानून की मूलभूत धारणाओं की रक्षा का प्रतीक भी थी। हम मानते हैं कि राष्ट्रों की एकता और एकजुटता युद्ध, हिंसा और अन्याय के विरुद्ध एक शक्तिशाली ढाल है।”

परमाणु स्थलों पर हमले को लेकर BRICS की चेतावनी

BRICS का बयान खासतौर पर उन हमलों को लेकर था जो ईरान के फोर्दो, इस्फहान और नतान्ज जैसे परमाणु स्थलों पर हुए। इसमें कहा गया, “परमाणु स्थलों पर हमले न केवल अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ हैं, बल्कि आम नागरिकों और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा हैं।”

BRICS ने मध्य-पूर्व में परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्र स्थापित करने की मांग को दोहराया और सभी पक्षों से संयम बरतने और शांति के लिए संवाद का मार्ग अपनाने की अपील की है।

PM मोदी की ब्राजील यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5-6 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। माना जा रहा है कि ईरान संकट और मध्य-पूर्व की स्थिरता BRICS एजेंडे में प्रमुख विषय होंगे।

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