Hindi Newsदेश न्यूज़I will not accept any post retirement post but perhaps will do something with law Chief Justice of India Sanjiv Khanna

रिटायरमेंट के बाद नहीं लूंगा कोई पद, लेकिन... CJI खन्ना ने बताया आगे करेंगे क्या?

देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस संजीव खन्ना आज रिटायर हो रहे हैं। उनके बाद जस्टिस बीआर गवई को 14 मई को देश के 52वें CJI के तौर पर शपथ दिलाई जाएगी। अपने कार्यकाल के आखिरी दिन जस्टिस खन्ना ने कहा कि वो कोई भी पद नहीं लेंगे।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 13 May 2025 02:38 PM
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रिटायरमेंट के बाद नहीं लूंगा कोई पद, लेकिन... CJI खन्ना ने बताया आगे करेंगे क्या?

CJI Sanjiv Khanna Retirement: देश के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस संजीव खन्ना आज (मंगलवार, 13 मई को) रिटायर हो रहे हैं। जज के रूप में आज उनका अंतिम कार्यदिवस है। इस मौके पर उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि रिटायर होने के बाद वह कोई भी आधिकारिक पद नहीं लेंगे। आज जब वह सुप्रीम कोर्ट में मीडियाकर्मियों से मिल रहे थे, तब उन्होंने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा,"मैं सेवानिवृत्ति के बाद कोई पद स्वीकार नहीं करूंगा.. लेकिन शायद कानून के क्षेत्र में कुछ करूंगा।"

जस्टिस खन्ना के इस बयान से स्पष्ट हो गया है कि वो किसी आयोग का अध्यक्ष पद या कोई अन्य संवैधानिक पद तो स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन कानून के क्षेत्र में वह काम करते रहेंगे। हालांकि, इस क्षेत्र में उनकी अगली भूमिका क्या होगी और कैसे होगी, इस पर उन्होंने कुछ स्पष्ट नहीं किया। उन्होंने फिलहाल इतना संकेत दिया कि वह न तो घर बैठेंगे और न ही सरकारी पद पर बैठेंगे बल्कि अपनी लंबी कानूनी यात्रा में कानून के क्षेत्र में ही नई भूमिका तय करेंगे।

हम प्लस और माइनस देखते हैं: जस्टिस खन्ना

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली हाई कोर्ट के तत्कालीन जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर मिले करोड़ों के कैश और कथित भ्रष्टाचार के आरोपों से कैसे निपटा गया, इस पर उन्होंने कहा,"न्यायिक सोच निर्णायक और निर्णयात्मक होनी चाहिए। हम प्लस और माइनस देखते हैं और फिर तर्कसंगत तरीके से मुद्दे पर निर्णय लेते हैं। जब हम ऐसा करते हैं, तो हम निर्णय लेते हैं। फिर भविष्य आपको बताता है कि आपने जो किया वह सही था या नहीं।"

कानूनी विरासत वाले परिवार से नाता

14 मई, 1960 को जन्मे जस्टिस खन्ना एक समृद्ध और कानूनी विरासत वाले परिवार से आते हैं। उनके पिता देव राज खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के जज रह चुके हैं, जबकि उनकी मां सरोज खन्ना लेडी श्री राम कॉलेज में लेक्चरर थीं। वह सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एचआर खन्ना के भतीजे हैं, जिन्होंने केशवानंद भारती (1973) में मूल संरचना सिद्धांत का प्रतिपादन किया था और आपातकाल के दौरान एडीएम जबलपुर बंदी प्रत्यक्षीकरण मामले (1976) में एकमात्र असहमति व्यक्त की थी। इस न्यायिक स्वतंत्रता के बदले जस्टिस एचआर खन्ना को जनवरी 1977 में भारी कीमत चुकानी पड़ी थी, उन्हें तब CJI नहीं बनने दिया गया था।

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2019 में सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर पाई थी प्रोन्नति

CJI खन्ना के दादा, सरव दयाल, एक प्रमुख वकील थे, जिन्होंने 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड की जांच करने वाली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस समिति में काम किया था। जस्टिस खन्ना के पास जज और वकील के तौर पर तीन दशकों से अधिक का लंबा अनुभव है। वह दिल्ली हाई कोर्ट में भी अह भूमिकाएँ निभा चुके हैं और आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में भी काम कर चुके हैं। जून 2005 में, जस्टिस खन्ना को दिल्ली हाई कोर्ट के एजिशनल जज के रूप में पदोन्नत किया गया था और फरवरी 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया था। इसके 13 साल बाद जनवरी 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था। पिछले साल ही जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के बाद नवंबर 2024 में उन्हें 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई गई थी।

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