Hindi Newsदेश न्यूज़How much salary will former CJI Chandrachud get after becoming professor after retirement, see full salary details

रिटायरमेंट के बाद प्रोफेसर बने पूर्व CJI चंद्रचूड़ को कितना मिलेगा वेतन, देखें पूरी डिटेल

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में दो साल के कार्यकाल के बाद नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें न्यायपालिका में एक प्रगतिशील आवाज के रूप में माना जाता है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 16 May 2025 10:46 AM
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रिटायरमेंट के बाद प्रोफेसर बने पूर्व CJI चंद्रचूड़ को कितना मिलेगा वेतन, देखें पूरी डिटेल

DY Chandrachud: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (NLU), दिल्ली में प्रतिष्ठित प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त किया गया है। संस्थान ने इसे भारतीय विधि शिक्षा में एक परिवर्तनकारी अध्याय करार दिया है। इस पद पर रहते हुए उन्हें मोटी सैलरी भी मिलेगी। एनएलयू की वेबसाइट के मुताबिक, प्रतिष्ठित प्रोफेसर (Distinguished Professor) के लिए AL-15 (Rs.182200-Rs.224100) का वेतनमान दिया जाता है। इस हिसाब से उन्हें महीने के करीब 2.5 लाख रुपये की सैलरी मिल सकती है।

एनएलयू ने गुरुवार को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की नियुक्ति की घोषणा करते हुए एक्स पर लिखा, ‘हम भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ का राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली में प्रतिष्ठित प्रोफेसर के रूप में स्वागत करते हुए बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं।’’

सैलरी कैलकुलेशन

AGP-15 (सातवें) वेतनमान के मुताबिक, उनका न्यूनतम वेतन 182200 रुपये होगा। इसपर उन्हें 100210 रुपये का महंगाई भत्ता मिलेगा। चूंकि संस्थान दिल्ली में है तो भारत सरकार के द्वारा तय मानकों के मुताबिक एक्स कैटेगरी वाली शहरों में है। यहां एचआर के तौर पर उन्हें 54660 रुपये मिलेंगे। इसके अलावा, यात्रा भत्ता के तौर पर 11160 रुपये मिलेंगे। इस वेतमान के हिसाब से एनपीएस, सीजीएचएस और आयकर के तौर पर 70298 रुपये की कटौती होगी। इस हिसाब से उनकी सैलरी 248691 रुपये हो जाएगा। अगर उन्हें और भी किसी तरह का भत्ता मिलेगा तो सैलरी में इजाफा होगा। आपको बता दें कि यह गणना इस वेतमनमान के न्यूनतम मानकों के आधार पर किया गया है।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में दो साल के कार्यकाल के बाद नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें न्यायपालिका में एक प्रगतिशील आवाज के रूप में माना जाता है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने उच्चतम न्यायालय में 13 मई 2016 से शुरू कार्यकाल में 38 संविधान पीठों में हिस्सा लिया तथा अयोध्या भूमि विवाद, सहमति से समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, निजता के अधिकार तथा अनुच्छेद 370 को हटाने सहित कई मुद्दों पर ऐतिहासिक फैसले दिए।

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